आज नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व
जानिये नहाय खाय के नियम
चंडीगढ़, 5 नवंबर (विश्ववार्ता) नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आरंभ हो गया है। इसे लेकर एक दिन पूर्व से ही श्रद्धालु के परिवार में उत्सवी वातावरण नजर आने लगा है. नहाय-खाय के अगले दिन बुधवार को पूरे दिन निर्जला उपवास रख व्रती संध्या काल खरना करेंगे।
इसके अगले दिन सात नवंबर गुरुवार को महापर्व छठ का पहला अर्घ अस्ताचलगामी सूर्य को अर्पित किया जायेगा. सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ अर्पण के संग सूर्योपासना का यह महापर्व शुक्रवार को संपन्न होगा. इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास व्रती खंडित करेंगे. इसकी तैयारी लोगों ने लगभग पूरी कर ली है. नहाय-खाय के दिन सुबह व्रती पवित्र जल से स्नान करेंगे. भगवान सूर्य को अर्घ देने के पश्चात पूजा-अर्चना करेंगे. नया परिधान धारण कर व्रती नहाय-खाय करेंगे. महिलाएं नाक से सिंदूर कर पूजन करेंगी।
नहाय खाय के दिन सबसे पहले तो पूरे घर को साफ-सुथरा किया जाता है।
छठ का व्रत करने वाले व्रती को नहाय खाय के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि करना चाहिए।
संभव हो तो नहाय खाय के दिन नया वस्त्र पहनें। इसके अलावा आप साफ-सुथरा कपड़ा भी पहन सकते हैं।
इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
नहाय खाय का भोजन पहले सूर्य देव को भोग लगाएं इसके बाद ही इसे ग्रहण करें।
नहाय खाय के दिन सात्विक भोजन ही बनाएं। इस दिन प्याज-लहसुन भूलकर भी नहीं खाना चाहिए।
नहाय खाय के दिन कद्दू की सब्जी, लौकी चने की दाल और भात (चावल) खाने की परंपरा है।
नहाय खाय के दिन तैयार किया गया भोजन सबसे पहले व्रती को ही खाना चाहिए। इसके ही बाद परिवार के अन्य सदस्य खाएं।
नहाय खाय के दिन परिवार के लोगों को भी सात्विक भोजन करना चाहिए।