चंडीगढ़ पीजीआई ने रचा नया इतिहास
2 साल के मासूम प्रॉस्पर ने 4 लोगो को दी नई जिंदगी
चंडीगढ़, 30 अक्टूबर (विश्ववार्ता)चंडीगढ़ में एक प्रेरणादायक घटना घटी, जब 2 साल का केन्याई बच्चा प्रॉस्पर, अपने छोटे से जीवन में एक विशाल परिवर्तन लेकर आया। यह कहानी सिर्फ एक बच्चे की नहीं, बल्कि एक परिवार की है जिसने अपने दु:ख को साझा करते हुए, दूसरों के लिए जीवन का एक नया अवसर बनाया। ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद पीजीआई में उनका अंगदान कराया गया। प्रॉस्पर पहले ऐसे विदेशी नागरिक हैं, जिनका अंगदान पीजीआई चंडीगढ़ में हुआ। साथ ही वह देश में सबसे कम उम्र के अग्नाशयदाता भी बन गए।
प्रॉस्पर की मां, जैकलिन डायरी, ने भावुक होकर कहा कि “जब हमारे दिल टूट जाते हैं, तो यह जानकर सांत्वना मिलती है कि प्रॉस्पर के अंग दूसरों को जीवन देंगे। यह दया का कार्य हमारे लिए उसके जीवन को जीवित रखने का एक तरीका है।”
पीजीआई के निदेशक, प्रो. विवेक लाल, ने इस मामले को अंगदान के महत्व का उदाहरण बताते हुए कहा, “प्रॉस्पर के परिवार का निर्णय हमें सिखाता है कि सबसे कठिन समय में भी दया और सहानुभूति की ताकत होती है।” प्रॉस्पर के अंगों का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण पीजीआई की चिकित्सा टीम की मेहनत और समर्पण का परिणाम था।
पीजीआई में किडनी प्रत्यारोपण के प्रमुख, प्रो. आशीष शर्मा, ने कहा कि छोटे दाताओं के साथ काम करना एक चुनौती है, लेकिन परिवार की इच्छा ने उन्हें प्रेरित किया। पादरी ने भी इस परिवार की दया को सराहा, जो मृत्यु के बाद भी जीवन को निरंतरता प्रदान कर रहा है।
प्रॉस्पर की कहानी न केवल अंगदान के महत्व को उजागर करती है, बल्कि यह यह भी दिखाती है कि कैसे एक छोटे से बच्चे का उदारता का कार्य कई जिंदगियों को सकारात्मक दिशा दे सकता है। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि कठिन समय में भी प्रेम और दया की शक्ति से जीवन को बदला जा सकता है।