पिप्पली के फायदे, नुकसान और औषधीय गुण
लाभ, सावधानियां और खुराक
चंडीगढ़, 3 मार्च (विश्ववार्ता) आयुष मंत्रलय ने स्वास्थ्य मंत्रलय संग मिलकर एक अध्ययन किया। क्लीनिकल रिसर्च स्टडी जिसमें आयुर्वेदिक औषधियों के जरिए उपचार को तवज्जो दी गई। इनमें 4 औषधियों को रिसर्च के काबिल माना गया और इन्हीं में से एक थी पिप्पली। अध्ययन में पिप्पली संग यष्टिमधु, अश्वगंधा, गुडुची और एक पॉली हर्बल को भी शामिल किया गया था। ये सभी हर्ब सेहत की दृष्टि से काफी फायदेमंद हैं। पिप्पली एक आम सा मसाला नहीं है बल्कि शरीर के हरेक अंग का ख्याल रखने वाला आयुर्वेदिक खजाना है। ऐसा खजाना जिसमें गुण कूट-कूट कर भरे हुए हैं। अंग्रेजी में जो पेपर कहते हैं न, वो भी हमारी पिप्पली से लिया गया शब्द है ऐसा विशेषज्ञ बताते हैं! इसे इंडियन लॉन्ग पेपर भी कहा जाता है।
सुश्रुत संहिता और चरक संहिता में इसका जिक्र है। सुश्रुत संहिता में इसे दहन उपकर्ण के तौर पर जाना जाता है जो त्वचा संबंधी तकलीफों को कम करने में मदद करता है। वहीं चरक संहिता विमानस्थान में इसके उपयोग को लेकर निर्देश दिए गए हैं। बताया गया है कि इसे कुछ स्थितियों में नहीं खाना चाहिए। इसे इमरजैंसी कंडिशन से निपटने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली औषधि के रूप में वर्णित किया गया है, लेकिन लंबे समय तक न लिए जाने का परामर्श भी दिया गया है।
पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के पेरेलमैन स्कूल ऑफ मैडीसिन ने भी कुछ साल पहले एक रिसर्च किया।