बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का रुख हुआ सख्त
सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना सही नहीं- सुप्रीम कोर्ट
कहा यदि आरोपी दोषी भी है तो भी घर ढहा देना जायज नहीं’
इस संबंध में गाइडलाइन बनाए जाने की जरूरत- सुप्रीम कोर्ट
चंडीगढ़, 3 सिंतबर (विश्ववार्ता)सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश सहित कई अन्य राज्य सरकारों द्वारा लिए गए बुलडोजर एक्शन पर बडा बयान जारी करते हुए कहा कि यदि आरोपी दोषी भी है तो भी उसका घर नहीं ढहाया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा सिर्फ आरोपी होने के नाते कैसे बुलडोजर करवाई की जा सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ किसी अपराध का आरोपी होने के आधार पर किसी के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं हो सकती।
जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने ध्वस्तीकरण कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिकाओं पर कहा कि भले ही कोई व्यक्ति दोषी हो, फिर भी कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी भी अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं देगा। पीठ ने कहा कि हम अखिल भारतीय आधार पर कुछ दिशा-निर्देश निर्धारित करने का प्रस्ताव करते हैं, ताकि उठाए गए मुद्दों के संबंध में चिंताओं का समाधान किया जा सके।
सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि सिर्फ इसलिए घर कैसे गिराया जा सकता है क्योंकि वह आरोपी है? अगर वह दोषी भी है तो भी घर नहीं गिराया जा सकता। हमें रवैये में कोई बदलाव नहीं दिखता। इस पर तुषार मेहता ने कहा कि अदालत के सामने गलत ढंग से याचिकाकर्ता मामले को रख रहे हैं। ये कार्रवाई नियमों का पालन करते हुए की गई है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस कार्रवाई से पहले नोटिस बहुत पहले जारी किए गए थे, लेकिन ये लोग पेश नहीं हुए। जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि किसी को भी कमियों का फायदा नहीं उठाना चाहिए। वहीं जस्टिस गवई ने कहा कि अगर निर्माण अनाधिकृत है, तो ऐसे मामलों में भी यह कानून के अनुसार होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में गाइडलाइन बनाए जाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद हम इस मामले में दिशा-निर्देश जारी करेंगे, जो पूरे देश भर में लागू होगा इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों से सुझाव मांगा है। कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों का सुझाव आने दीजिए, हम राष्ट्रीय स्तर पर दिशा-निर्देश जारी करेंगे। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 सितंबर की तारीख तय की गई है।