<h2><img class="alignnone size-full wp-image-1988" src="https://wishavwarta.in/hindi/wp-content/uploads/2024/05/aaj-ka-vichar.png" alt="" width="259" height="171" /></h2> <h2><strong>🌹 </strong><strong>आज</strong> <strong>का</strong> <strong>सुविचार</strong><strong>* 🌹</strong></h2> <h2><strong>संसार भर के उपद्रवों का मूल व्यंग्य है। हृदय में जितना यह घुसता है, उतनी कटार नहीं।</strong></h2> <h2><strong>जीवन की ही तरह कहानी के आरम्भ का भी कोई महत्व नहीं होता। महत्व केवल अन्त का होता है। जीवन के अन्त का भी और कहानी के अन्त का भी।</strong></h2>