पीएम मोदी आज नीति आयोग शासी परिषद की बैठक की करेंगे अध्यक्षता
राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री होगे शामिल
नीति आयोग की बैठक की पंजाब सीएम सहित इन राज्यो के मुख्यमंत्रियों ने किया बहिष्कार
चंडीगढ, 27 जुलाई (विश्ववार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज नीति आयोग की शासी परिषद की नौवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसमें विकसित भारत से जुड़े दृष्टिकोण पत्र पर चर्चा होगी। आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। नीति आयोग की शीर्ष संस्था शासी परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री नीति आयोग के चेयरमैन हैं। बयान के मुताबिक, इस बैठक का उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन तथा सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
इस बीच, आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली पंजाब और दिल्ली सरकारों ने बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की है। वही कांग्रेस-शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों कर्नाटक के सिद्धरमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी ने घोषणा की है कि वे केंद्रीय बजट में अपने राज्यों के प्रति कथित पक्षपात के कारण नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।
इसके अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक नेता एम के स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी बहिष्कार करने की घोषणा की है। हालांकि विपक्षी गठबंधन के साथियों के उलट पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है। बनर्जी ने कहा कि इन नेताओं की आवाज को एक साझा मंच पर उठाया जाना चाहिए।
इसके साथ ही बनर्जी ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में सरकारी शोध संस्थान के तौर पर गठित नीति आयोग को खत्म कर पूर्ववर्ती योजना आयोग को फिर से बहाल किया जाना चाहिए। इस बीच, बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद सस्मित पात्रा ने विपक्षी दलों के नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के निर्णय का समर्थन किया है और केंद्र पर राज्यों को बजट में उनका हिस्सा देने से इनकार करने का आरोप लगाया है।
बयान में कहा गया आज 27 जुलाई 2024 को होने वाली शासी परिषद की बैठक में ‘विकसित भारत ञ्च2047′ पर ‘दृष्टिकोण दस्तावेज’ के लिए अवधारणा पत्र पर चर्चा की जाएगी…बैठक में विकसित भारत ञ्च2047 के लक्ष्य को हासिल करने में राज्यों की भूमिका पर भी विस्तृत विचार-विमर्श होगा।” बैठक में पिछले साल दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी गौर किया जाएगा। सम्मेलन के दौरान पांच प्रमुख विषयों पेयजल: पहुंच, मात्रा तथा गुणवत्ता; बिजली: गुणवत्ता, दक्षता तथा विश्वसनीयता; स्वास्थ्य: पहुंच, सामथ्र्य तथा देखभाल की गुणवत्ता; स्कूली शिक्षा: पहुंच तथा गुणवत्ता तथा भूमि और संपत्ति: पहुंच, डिजिटलीकरण, पंजीकरण तथा उत्परिवर्तन पर सिफारिशें की गईं थीं।
भारत को अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए एक ‘दृष्टिकोण दस्तावेज’ तैयार किया जा रहा है। नीति आयोग को 2023 में 10 क्षेत्रीय विषय पर दृष्टिकोणों को समेकित कर ‘विकसित भारत एट 2047′ के लिए एक संयुक्त दृष्टिकोण तैयार करने का कार्य सौंपा गया था। इस बीच, कांग्रेस-शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों कर्नाटक के सिद्धरमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी ने घोषणा की है कि वे केंद्रीय बजट में अपने राज्यों के प्रति कथित पक्षपात के कारण नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक नेता एम के स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली पंजाब और दिल्ली सरकारों ने भी बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की है। हालांकि विपक्षी गठबंधन के साथियों के उलट पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है। बनर्जी ने कहा कि इन नेताओं की आवाज को एक साझा मंच पर उठाया जाना चाहिए।