अपनी जरूरी है प्लैन्ड डाइट रूटीन, आहार दिनचर्या को प्रभावित कर रही है व्यस्तता
व्यस्त दिनचर्या में भी सेहत रखे दुरुस्त
नही काटने पडेगें अस्पतालों के चक्कर
चंडीगढ, 19 जुलाई (विश्ववार्ता): आज के दौर में बड़ी संख्या में लोगों के पास तसल्ली से बैठकर तथा वक्त पर भोजन करने का समय नहीं होता है.पढ़ाई या नौकरी जैसे कारणों के चलते लोग सही समय पर सही आहार नहीं खा पाते हैं और भूख मिटाने के लिए फास्ट फूड या जंक फूड का सहारा ले लेते हैं, जो उनकी सेहत को खासा प्रभावित करते हैं. आइए जानते हैं कि हमारे विशेषज्ञ के अनुसार भागती दौड़ती दिनचर्या में किस तरह का डाइट रूटीन फॉलो किया जा सकता है, जिससे पेट भी भरे और सेहत को नुकसान भी नहीं पहुंचे।
भोजन हमारे जीवन की सबसे बड़ी जरूरत है, क्योंकि यही हमारे शरीर को पोषण तथा ऊर्जा पहुंचाने का कार्य करता है. लेकिन इसे लेकर अगर कोताही बरती जाए तो सेहत पर इसका काफी नुकसानदायक प्रभाव भी पड़ सकता है. हमारे देश में कहा जाता है कि शांत व प्रसन्न मन से बैठकर खाया गया घर का बना ताजा व गरम भोजन, शरीर को दोगुने फायदे देता है. लेकिन आजकल के दौर में बड़ी संख्या में छात्रों से लेकर नौकरीपेशा लोगों के पास घर में बैठकर आदर्श नाश्ता तथा घर का ताजा व गरम भोजन खाने का समय नहीं होता है।
मुंबई की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ रूशेल जॉर्ज बताती हैं कि आजकल की भागती-दौड़ती जिंदगी का असर लोगों की आहार दिनचर्या पर भी नजर आता है. नाश्ते, दोपहर के खाने तथा रात के खाने के समय में अनियमितता, जो आहार हम खा रहे हैं उसकी गुणवत्ता तथा जिस माहौल व मन: स्तिथि के साथ हम आहार ग्रहण कर रहे हैं , इन सभी बातों का असर शरीर को आहार से मिलने वाले फायदों पर पड़ता है।
आजकल कॉम्पिटिशन का दौर है, जिसका प्रभाव पढ़ाई से लेकर नौकरी तक दिखाई देता है. बच्चे हो या बड़े उनकी प्राथमिकता इन्हीं तक सिमट कर रह गई है. ऐसे में उनकी सुबह से लेकर रात तक की दिनचर्या में सही तरह से बैठकर सही प्रकार का आहार खाने का समय ज्यादा नहीं होता है. ऐसे में ज्यादातर लोग ऐसे आहार को प्राथमिकता देते हैं जिन्हें खाना आसन हो तथा जिन्हें खाने में ज्यादा समय खराब ना हो. इसलिए लोग भूख मिटाने के लिए फास्ट फूड तथा स्नैक्स आदि का सहारा लेते हैं. जिनमें पोषण की मात्रा ना के बराबर होती है।
स्वास्थ्य पर असर
वह बताती हैं कि पहले के दौर के मुकाबले आज के दौर में कम उम्र में ही लोगों में वे रोग तथा समस्याएं नजर आने लगी हैं जिन्हे पहले बढ़ती उम्र की समस्या माना जाता था. जैसे ह्रदय रोग, मधुमेह, जल्दी थक जाना, मोटापा, पाचन संबंधी समस्याएं , हाथों पैरों में दर्द तथा बालों व त्वचा संबंधी समस्याएं आदि. यहीं नहीं शरीर के लिए जरूरी आहार के अभाव का असर कई बार हमारे व्यवहारिक व मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है, जैसे लोगों में चिड़चिड़ाहट, गुस्सा व घबराहट बढ़ जाना आदि.
जरूरी है प्लैन्ड डाइट रूटीन
रूशेल जॉर्ज बताती है कि ज्यादा व्यस्त दिनचर्या वाले लोग आमतौर पर सुबह का नाश्ता स्किप कर देते हैं. या फिर उनका नाश्ता केवल चाय, कॉफी या उसके साथ बिस्कुट ब्रेड तक सिमट कर रह जाता है. वहीं दिन और रात के खाने के समय पर भोजन ना कर पाने पर, पेट भरने के लिए जैसे समय मिले वैसे ही कुछ भी तला-भुना खाने की प्रवत्ति उनमें बढऩे लगती है. ऐसा करना उनकी सेहत पर काफी नुकसानदायक असर डाल सकता है. लेकिन थोड़ी सी प्लानिंग, नियम व संयम से इस तरह की दिनचर्या से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इस तरह की दिनचर्या वाले लोग कुछ सावधानियों व कुछ विशेष प्रकार के आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।
सुबह का नाश्ता किसी भी अवस्था में स्किप ना करें, क्योंकि यह आपके शरीर की पूरे दिन की ऊर्जा के लिए जरूरी होता है. यदि सुबह समय कम है नाश्ते में ग्रीक योगर्ट, अंडा ,पोहा,दलिया, केला या अन्य फल, फलों तथा सब्जियों का जूस या स्मूदी , दूध, ओट्स तथा सूखे मेवों का सेवन किया जा सकता है।
दिन में किसी भी वक्त भूख लगने पर चिप्स या बाजार से कुछ भी ऑर्डर करने की बजाय सूखे मेवों या फलों का सेवन किया जा सकता है. इसके अलावा एक डिब्बे में अपने पास मखाने, मूंगफली, बादाम व काजू को बेहद हल्के नमक के साथ ड्राय रोस्ट करके रखा जा सकता है, जिससे यदि कभी बीच में कुछ नमकीन खाने की इच्छा हो तो नियंत्रित मात्रा में इनका सेवन किया जा सके.
आप एक डिब्बे में भुने चने भी रख सकते हैं. ये हल्के और पौष्टिक दोनों होते हैं।
यदि दोपहर के भोजन के निश्चित समय पर आप भोजन ना कर पा रहे हो तो भूख लगने पर किसी भी समय समोसे, कचोरी, सैंडविच या मैगी नूडल्स जैसे स्नैक्स खाने की बजाय फलों का जूस, लस्सी, छाछ या कम मात्रा में स्टीम्ड स्नैक्स जैसे शकरकंदी तथा खमंड ढोकला आदि का सेवन किया जा सकता है. इससे उस समय पेट भर जाता है लेकिन यह पेट पर भारी नही होते हैं, जिससे रात को भोजन को स्किप करने की जरूरत नही पड़ती है।
दिन भर में जरूरी मात्रा में पानी पिए. लेकिन पेट भरने के लिए या एनर्जेटिक बने रहने के लिए ज्यादा मात्रा में कॉफी, एनर्जी ड्रिंक, कोल्डड्रिंक के अधिक सेवन से बचना चाहिए।
अगर रात में खाना खाने में ज्यादा देरी हो रही हो रोटी सब्जी दाल चावल या गरिष्ठ आहार खाने की बजाय खिचड़ी तथा दलिया जैसे आहार को प्राथमिकता दें. गरिष्ठ आहार को पचाने में पाचन तंत्र को ज्यादा मेहनत लगती है. देर रात ऐसा आहार खाने से पाचन तंत्र संबंधित समस्याओ की आशंका बढ़ सकती है और लोगों को गैस, एसिडिटी, पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
यदि किसी की दिनचर्या काफी ज्यादा व्यस्त रहती है तो वह दिन में तीन समय बड़े आहार लेने की बजाय अपनी आहार दिनचर्या को पाँच छोटे-छोटे मील में विभाजित कर सकता हैं. ध्यान रहे कि इन छोटे मील में आप जो भी खा रहे हों वह पचने में सरल तथा पोषण से भरपूर होना चाहिए। इस तरह के डाइट रूटीन को तैयार करने के लिए किसी पोषण विशेषज्ञ या जानकार की मदद लेना फायदेमंद हो सकता है।