इस जिले की डीसी ने डायरिया और हैजा के संभावित प्रसार को रोकने के लिए जिले के सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने के दिये निर्देश
एसएएस नगर , 19 जुलाई ( सतीश कुमार पप्पी पंजाब के एसएएस नगर मे भी हैजा को लेकर उपायुक्त आशिका जैन ने राज्य के कुछ जिलों में डायरिया, उल्टी और हैजा फैलने के बारे में जिला अधिकारियों को अलर्ट मोड व जागरूक रहने के लिए कहा है। इसके अलावा उन्होने जिले में निवारक उपाय के रूप में पीने के पानी के नमूने लेने और पानी की आपूर्ति में क्लोरीन उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए दिया जा चुका है।
सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि पेयजल का सैंपल लेना सुनिश्चित करें और यदि शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल का कोई सैंपल फेल होता है तो संबंधित विभाग को तुरंत सूचित किया जाये और विभाग द्वारा की गयी कार्रवाई से अवगत कराया जाये डीसी कार्यालय. उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि कार्रवाई रिपोर्ट में बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए किए गए उपाय शामिल होने चाहिए जैसे कि क्लोरीनयुक्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना या वैकल्पिक विधि सुनिश्चित करने के लिए उस क्षेत्र में पानी काटना (किसी विशेष क्षेत्र से रिपोर्ट किए गए मामलों के मामले में)। जल आपूर्ति (टैंकर आदि)।
इसके अलावा हैजा से संबंधित मामलों के लिए अस्पताल में दवा एवं अन्य आवश्यक व्यवस्था पूरी करने का निर्देश देते हुए उपायुक्त ने कहा कि यदि किसी भी शहर/गांव क्षेत्र में हैजा के ऐसे मामले सामने आते हैं, तो तत्काल कार्रवाई की जाये. स्वास्थ्य विभाग को आवश्यकतानुसार क्लोरीन टेबलेट के उपयोग हेतु अग्रिम कार्ययोजना सुनिश्चित करने को कहा गया।
उपायुक्त ने नगर निगम, नगर परिषदों, कार्यकारी अभियंता जल आपूर्ति मंडल संख्या 2 और 3 और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को सभी शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ और स्वच्छ क्लोरीनयुक्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। यह भी कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति कार्यकारी अभियंता जल आपूर्ति एवं स्वच्छता, डिवीजन नंबर 3 और संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों की सामूहिक जिम्मेदारी होगी।
उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विभाग एवं एजेंसियां अपने स्तर पर पानी के नमूनों की शत-प्रतिशत जांच सुनिश्चित करें। विभागों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में निरन्तर चेकिंग की जाए, जहां भी सीवर लाइन में लीकेज की सूचना मिले, उसे तत्काल ठीक कराया जाए। जिन क्षेत्रों में दूषित पानी के कारण हैजा के मामले सामने आते हैं, वहां पानी की आपूर्ति तुरंत बंद कर दी जानी चाहिए और क्लोरीनयुक्त पानी की आपूर्ति को वैकल्पिक किया जाना चाहिए और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सुपर क्लोरीनीकरण के बाद पानी का पुन: नमूनाकरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक एवं प्रारंभिक) को निर्देश दिए गए कि जिले के सभी स्कूलों में बनी पानी की टंकियों की समय पर सफाई सुनिश्चित की जाए ताकि इस तरह के प्रसार को रोका जा सके। साथ ही, सभी विभागों को लोगों को सुरक्षित और स्वच्छ (अधिमानत: उबला हुआ) पीने के पानी के उपयोग के बारे में जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा गया।