राम नवमी को लेकर श्रीराम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से जारी की गई गाईड लाइन
राम मंदिर में आज भी कतार में लगे हैं हजारों श्रद्धालु, दर्शन की टाइमिंग बढ़ी, जानिए नया शेड्यूल
पहले ही दिन आया इतने करोड़ का दान
चंडीगढ, 17 अप्रैल (विश्ववार्ता) राम नवमी को लेकर श्रीराम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से गाईड लाइन जारी की गई है। श्रीराम मंदिर तरफ से गाइडलाइन जारी कर बताया गया कि राम नवमी के उपलक्ष्य पर आगामी 15 से 18 अप्रैल तक किसी तरह वीआईपी दर्शन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा श्रद्धालुओं को राम नवमी पर कई अन्य बातों का ख्याल रखना होगा।
अयोध्या में राम नवमी के अवसर पर वीआईपी पास लेकर दर्शन करने पर प्रतिबंध लगाया है. ट्रस्ट की तरफ से जारी कि गाइड लाइन के मुताबिक श्रद्धालु 15 अप्रैल से कल यानि की 18 अप्रैल तक न तो सुगम दर्शन कर सकेंगे और न ही आरती के लिए वीआईपी पास की सुविधा रहेगी. यानी कि राम नवमी पर हर आम ओ खास श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए एक जैसी व्यवस्था रखी गई है. प्रभु श्रीराम लला इन चार दिनों में सभी श्रद्धालुओं को एक जैसे दर्शन देंगे।
ब्रह्म मुहूर्त में करीब 3 बजे से गर्भगृह की स्वच्छता करने, पूजन और श्रृंगार की तैयारी की जाएगी।
3.30 से 4 बजे के करीब, तय समय पर भगवान के दोनों विग्रह और श्रीयंत्र को मंत्रों से जगाया जाएगा।
फिर मंगला आरती होगी। इसके बाद विग्रहों का अभिषेक, श्रृंगार भोग होगा।
शृंगार आरती होगी। यह 4.30 से 5 तक होगी. सुबह 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे।
दोपहर, करीब एक बजे मध्याह्न में भोग आरती होगी।
दो घंटे दर्शन बंद रहेंगे। भगवान विश्राम करेंगे।
दोपहर तीन बजे से दर्शन फिर शुरू होंगे, जो रात 10 बजे तक लगातार जारी रहेंगे।
शाम सात बजे संध्या आरती होगी। रामलला को हर घंटे फल-दूध का भोग लगेगा।
भारी भीड़ के आने से मंदिर की दान राशि भी बढ़ गई है। अप्रत्याशित तौर पर पहले दिन ही 3.17 करोड़ रुपये की का दान ट्रस्ट को मिला। कोलकता से आईं शिखा ने बताया कि 5 घंटे के बाद मंदिर में प्रवेश मिला। बस किसी तरह प्रभु रामलला के दर्शन हो गए। हालांकि रामलला के दर्शन मिलने के बाद कुछ पलों में ही उनकी सारी थकान दूर हा गई। कर्नाटक से रामलला का दर्शन करने पहुंची एस कुमारी का भी यही कहना था। उन्होंने बताया कि सुबह 5 बजे से ही दर्शन की लाइन में खड़ी थीं। 4 घंटे के बाद उन्हें रामलला का दर्शन करने का अवसर मिला। यही हाल लंबी कतार में दर्शन करने वाले हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का है।