उत्तराखंड में चार धाम तीर्थयात्रियों के लिए प्रशासन का बडा अलर्ट जारी
कहा यहां से आगे की यात्रा फौरन रोक दें, भारी बारिश से हालात बिगड़े
चंडीगढ 8 जुलाई (विश्ववार्ता) मॉनसून की भारी बारिश ने उत्तराखंड में आफत पैदा कर दी है। राज्य में जगह-जगह बारिश के चलते नदियों-नालों में उफान आने से हालात बिगड़ रहे हैं। लोगों के आवागमन के लिए बने रास्ते या तो क्षतिग्रस्त हुए जा रहे हैं या वह रास्ते नदियों-नालों के बढ़ते सैलाब में डूब गए हैं. दूसरी तरफ बारिश के प्रकोप से राज्य में लैंडस्लाइड की घटनाएं भी बढ़ गईं हैं। पहाड़ टूटकर गिर रहे हैं। जिससे पहाड़ के मलबे के साथ बड़े-बड़े पत्थर रास्तों पर आ रहे हैं। जिसके चलते कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं और ऐसे में बड़े हादसों का खतरा भी लगातार मंडराया हुआ है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जिला अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। आयुक्त, गढ़वाल मंडल और अध्यक्ष, चार धाम यात्रा प्रशासन संगठन, विनय शंकर पाण्डेय ने बताया कि मौसम विभाग, उत्तराखण्ड की विशेष प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आगामी 07 एवं 08 जुलाई को गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों में भारी वर्षा होने की संभावना है। अत: मौसम विभाग की प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर गढ़वाल मंडल के चार धाम यात्रा हेतु जाने वाले श्रद्वालुओं से अनुरोध एवं अपील की जाती है कि वे 07 जुलाई को ऋषिकेश से आगे चार-धाम की यात्रा प्रारम्भ न करें तथा जो तीर्थयात्री जिस जगह पर यात्रा हेतु पहुंच गये हैं वे भारी वर्षा की संभावना के द्दष्टिगत उसी स्थान पर विश्राम करें।
इस परामर्श में आगे कहा गया है कि क्योंकि मौसम विभाग से उक्त तिथियों में गढ़वाल मंडल में भारी बर्षा की संभावना व्यक्त की गई है अत: यात्रा प्रशासन संगठन द्वारा जनहित एवं तीर्थयात्रियों के जान-माल की सुरक्षा हेतु चार धाम यात्रा स्थगित किये जाने का निर्णय लिया गया है। सभी श्रद्वालुओं/तीर्थयात्रियों से अपील की जाती है कि वे 07 जुलाई को ऋषिकेश से आगे चारधाम की यात्रा प्रारम्भ न करें तथा जिन स्थानों पर पहुंचे है मौसम साफ होने तक वहीं विश्राम करें। यह अपील व्यापक जनहित एवं जनसुरक्षा हेतु जारी की गई है।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री धामी ने मौसम विभाग द्वारा राज्य के नौ जनपदों में बहुत भारी वर्षा के पूर्वानुमान को लेकर सभी संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लोगों से भी भारी बारिश के चलते संभावित आपदाओं के द्दष्टिगत सावधानी बरतने तथा सुरक्षित स्थलों पर रहने की अपील की है। उन्होंने सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, विनोद कुमार सुमन तथा आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े अन्य अधिकारियों को यूएसडीएमए के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से सभी जनपदों की सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में जैसे ही आपदा को लेकर कोई भी सूचना आए तो उस पर तुरंत कारर्वाई अमल में लाई जाए।
उत्तराखंड पुलिस ने सोशल मीडिया पर चार धाम यात्रा पर निकले तीर्थयात्रियों के लिए अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड पुलिस का कहना है- मौसम विभाग ने 7 जुलाई और 8 जुलाई को गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों में भारी से भारी बारिश होने की संभावना जताई है। इसलिए चार धाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों से अपील की जाती है कि वह 7 जुलाई को ऋषिकेश के आगे चार धाम की यात्रा न करें। इसके अलावा जो तीर्थयात्री यात्रा पर निकल चुके हैं और जिस जगह भी पहुंचे गए हैं। वे मौसम साफ होने तक वहीं विश्राम करें।
भारी बारिश के चलते ऋषिकेश में भी गंगा नदी उफान पर है। ऋषिकेश में ऊपरी पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर बढ़ चुका है। स्क्क ग्रामीण ऋषिकेश लोकजीत सिंह ने कहा कि पहले से ही जलस्तर बढऩे की संभावना थी. पुलिस द्वारा जरूरी कार्य किए गए हैं। घाटों पर पुलिस को तैनात किया गया है, नदी के पास जाने से लोगों को रोका जा रहा है। हर प्रकार के प्रयास जारी हैं।
उत्तराखंड में 10 मई से चार धाम यात्रा-2024 की शुरुवात हो गई थी। अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर शुभ मुहूर्त को देखते हुए सुबह सात बजे सबसे पहले पूर्ण विधि-विधान और वैदिक मंत्रोचारण के साथ बाबा केदारनाथ के कपाट खोले गए थे। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के भी कपाट सभी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे खोले गए थे। अब तक सबसे ज्यादा तीर्थयात्री केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए पहुंचे हैं।