हरसिमरत बादल ने कहा केेंद्र सरकार से सिखों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करे
चंडीगढ 2 जुलाई (विश्ववार्ता) शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल सरकार से किसानों के मुद्दे सुलझाने और सिखों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करने की अपील की हैं। लोकसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत ने कहा कि एक तरफ सत्तापक्ष चुनाव में अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन पर अपनी पीठ थपथपा रहा है तो विपक्ष अपनी पीठ थपथपा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जनादेश मिला है तो सिर्फ ‘‘मुसलमानों से नफरत पर मिला है’’। उन्होंने यह दावा भी किया कि यह विपक्षी गठबंधन के लिए भी नैतिक जीत नहीं है जैसा कि वे दावा कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि ‘इस सरकार ने महंगाई की गारंटी दी है, युवाओं के लिए बेरोजगारी की गारंटी दी है, छात्रों के लिए पेपर लीक की गारंटी दी है, किसानों को कजर्दार बनाने की गारंटी दी है’’। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और देश में आज अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के पदों को भरा नहीं जा रहा।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने में पंजाब के किसानों ने आंदोलन किया और अनेक किसान मारे गए लेकिन इस सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी। अकाली दल नेता ने कहा कि सरकार को किसानों से किए गए वादों को पूरा करना चाहिए। उन्होंने पंजाब में मादक पदार्थ की समस्या को समाप्त करने की भी मांग की हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार अल्पसंख्यकों के धाॢमक मामलों में हस्तक्षेप करती है और उनके धर्मस्थलों पर कब्जा करती है। उन्होंने कहा कि सरकार को सिखों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद कर देना चाहिए।
हरसिमरत ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस पार्टी ने सिखों का कत्लेआम किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाकर एक तरह से पिछले दरवाजे से आपातकाल लगाया जा रहा है। ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस संसद में केवल चार प्रतिशत मुसलमान जीतकर आए हैं, जबकि ओबीसी के सांसदों की संख्या सामान्य वर्ग के सदस्यों के बराबर हो गई है।