मान सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए पठानकोट की लीची को विदेशों में भेजने की करेगी शुरुआतः चेतन सिंह जौड़ामाजरा का ऐलान
पठानकोट की लीची की सबसे पहली खेप एक्सपोर्ट करने के लिए बाग़बानी और सम्बन्धित विभाग द्वारा तैयारियाँ ज़ोरों पर
बाग़बानी मंत्री ने लीची को विदेशें में एक्सपोर्ट करने के लिए अपने वेतन से दी एक लाख रुपए की सहायता राशि
बाग़बानी विभाग द्वारा सुजानपुर में करवाए गए राज्य स्तरीय लीची शो और विचार गोष्ठी में की शमूलियत
चंडीगढ, 21 जून (विश्ववार्ता) मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा राज्य में सबसे बढ़िया गुणवत्ता वाली ज़िला पठानकोट की लीची को विदेशों में भेजने की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी और साथ ही भूमिगत जल पर किसानों की निर्भरता को भी घटाया जा सकेगा।
यह ऐलान बाग़बानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज सुजानपुर स्थित लीची ज़ोन में मनाए जा रहे राज्य स्तरीय लीची प्रदर्शनी और विचार गोष्ठी के दौरान किया। इस मौके पर उनके साथ खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले और वन एवं वन्य जीव सुरक्षा मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक्क विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि पंजाब में सबसे बढ़िया क्वालिटी की लीची ज़िला पठानकोट में पाई जाती है और पूरे पंजाब में की जा रही लीची की पैदावार में 60 प्रतिशत योगदान ज़िला पठानकोट का है। किसानों को लीची की पैदावार के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से पंजाब सरकार प्रयास करेगी कि ज़िला पठानकोट की लीची विदेश तक पहुँचे और इस कार्य के लिए जल्द ही लीची की खेप विदेश के लिए रवाना की जायेगी।
समारोह के दौरान संबोधन करते हुए स. जौड़ामाजरा ने कहा कि आज भूमिगत जल का स्तर बहुत तेज़ी से नीचे जा रहा है और इससे बचाव का एक ही हल है कि किसानों को धान की फ़सल और गेहूँ की खेती से बाहर निकाल कर बाग़बानी की ओर प्रेरित किया जाये। उन्होंने कहा कि जितने ज़्यादा बाग़ लगाए जाएंगे, उतनी ही तपिश कम होगी और वातावरण में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि ज़िला पठानकोट लीची की खेती के लिए वरदान है और यहाँ के किसानों को लीची पैदा करके उसकी बिक्री करने पर और ज्यादा लाभ देने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
केबिनेट मंत्री ने कहा कि जल्द ही लीची की पहली खेप विदेश के लिए रवाना की जायेगी जिससे कि ज़िला पठानकोट के किसानों और उत्पादकों को लीची की फ़सल से और अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि लीची को विदेशों तक पहुँचाने के लिए काफ़ी ख़र्च आने की संभावना है। इस कार्य की शुरुआत करते हुए कैबिनेट मंत्री ने अपने वेतन में से एक लाख रुपए पठानकोट की लीची को विदेश तक पहुँचाने के लिए योगदान के तौर पर दिए।
स. जौड़ामाजरा ने कहा कि पंजाब में करीब 3900 हेक्टेयर क्षेत्रफल लीची के अधीन है जिसमें से लगभग 2200 हेक्टेयर क्षेत्रफल पठानकोट ज़िले में है, जो पंजाब का तकरीबन 60 प्रतिशत बनता है। ज़िले में लीची का उत्पादन बड़े स्तर पर किया जा रहा है और हर साल नये बाग़ लग रहे हैं और किसानों को बढ़िया आय हो रही है। लीची की प्लांटेशन और इसकी पैदावार आने वाले समय में और भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि लीची की खेती को बढ़ावा देने के लिए ज़िले में लीची अस्टेट सुजानपुर में स्थापित की गई है जिसमें इलाके के बाग़बानों को एक छत के नीचे सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके अलावा पठानकोट ज़िले में बाग़बानी क्षेत्र के अधीन छोटे किसानों द्वारा कई सहायक पेशे जैसे मशरूम की खेती और रेशम कीट पालन भी किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के यत्नों से रेशम कीट पालकों को बाग़बानी विभाग की विभिन्न स्कीमों के अधीन हर पक्ष से तकनीकी सहायता और वित्तीय सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है। पंजाब सरकार द्वारा किये गए प्रयासों स्वरूप बाग़बानी विभाग द्वारा मौजूदा साल के दौरान बिजली और नहरी विभाग के साथ बाग़ों को निरंतर बिजली और नहरी पानी की सप्लाई संबंधी तालमेल कायम किया गया है जिसके फलस्वरूप बाग़ों में लगातार बिजली की सप्लाई और नहरी पानी प्राप्त हुआ है।
इस मौके पर डायरैक्टर बाग़बानी श्रीमती शैलिन्दर कौर ने बाग़बानों को संबोधन करते हुए बताया कि पंजाब सरकार के अन्य नये प्रयासों स्वरूप इस साल से बाग़बानी विभाग द्वारा किसानों की ज़रूरतों को दिखते हुए विभिन्न स्कीमें तैयार करके लागू करवाने के यत्न किये जा रहे हैं जिसमें स्टेट पलान स्कीम के अंतर्गत लीची की पैकिंग के लिए 10 किलो के गत्ते के बॉक्स पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी, जो एक जिमींदार को अधिक से अधिक 500 बक्सों के लिए दी जायेगी। इसी तरह फल-सब्ज़ी उत्पादकों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर प्लास्टिक के करेट दिए जाएंगे। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों स्वरूप तीन साल से पुराने पॉली हाऊस स्ट्रक्चर की पॉलीशीट बदलने पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। ड्रिप व्यवस्था के तहत नये बाग़ लगाने वाले किसानों को 10000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि राज्य सरकार द्वारा दी जायेगी। फूल बीज पैदावार को उत्साहित करने के लिए 14000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जायेगी। मशरूम की खेती को उत्साहित करने हेतु 50 प्रतिशत सब्सिडी पर वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जायेगी। इसके साथ ही 250 नये शहतूत और ऐरी रेशम उत्पादकों ख़ास कर महिलाओं को रेशम कीट पालन घर, ज़रूरी दवाएँ और तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाई जायेगी।
इस मौके पर लीची अस्टेट सुजानपुर में विभिन्न क्षेत्रों में पैदा होने वाली लीची को लाकर लीची प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें दूर-दराज के क्षेत्रों से और ज़िला पठानकोट के बाग़बानों द्वारा लीची की विभिन्न किस्मों को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी दौरान माहिरों द्वारा बढ़िया किस्म की लीची का चयन करके बाग़बानों का पहला और दूसरा स्थान घोषित किया गया, जिनको केबिनेट मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा द्वारा सम्मानित किया गया। इसी तरह लीची और रेशम से सम्बन्धित प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया गया।
इस दौरान विभिन्न विभागों द्वारा सम्बन्धित प्रदर्शनियाँ लगाई गईं और किसानों को बाग़बानी के पेशे के साथ जुड़ने के लिए जागरूक किया गया।
समारोह के दौरान आदित्य उप्पल डिप्टी कमिश्नर पठानकोट, सुहेल मीर एस.एस.पी. पठानकोट, अमित मंटू हलका इंचार्ज सुजानपुर, डॉ. हरदीप सिंह डिप्टी डायरेक्टर बाग़बानी पठानकोट, जतिन्दर कुमार बाग़बानी विकास अफ़सर, संयुक्त डायरेक्टर बाग़बानी विभाग, डी.जी. सिंह डिप्टी डी.ई.ओ. प्राईमरी और अन्य सम्बन्धित विभागों के ज़िला अधिकारी, बाग़बान, मधुमक्खी पालक आदि उपस्थित थे।