सबके सिर पर छत, मोदी की गारंटी खोखली निकली-कांग्रेस अध्यक्ष खडग़े
कहा अब 3 करोड़ घरों का पीटा जा रहा है ढिंढोरा
चंडीगढ, 12 जून (विश्ववार्ता): 18वीं विधानसभा चुनावों मे कांग्रेस एक बार फिर उठ खडी हुई है और मोदी सरकार को बहुमत से दूर कर विपक्षी पार्टियों ने अपनी ताकत का इजहार किया है। वही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार को आडे हाथो लेते हुए कहा कि 2022 तक सबसे सिर पर छत की ‘मोदी की गारंटी’ खोखली साबित होने के बाद अब तीन करोड़ आवास का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन करोड़ घरों के निर्माण के लिए सरकारी सहायता को मंजूरी दी गई।
खरगे ने कटाक्ष करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘लोकसभा चुनाव में देश ने ऐसा जवाब दिया कि मोदी सरकार को दूसरों के घरों से कुर्सियां उधार लेकर अपना सत्ता का ‘‘घर’’ संभालना पड़ रहा है। 17 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री जी ने देश को ‘‘मोदी की गारंटी’’ दी थी कि 2022 तक हर भारतीय के सिर पर छत होगी। ये ‘‘गारंटी’’ तो खोखली निकली।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब तीन करोड़ प्रधानमंत्री आवास देने का ढिंढोरा ऐसे पीट रहे हैं, जैसे पिछली गारंटी पूरी कर ली हो। देश असलियत जानता है कि इस बार इन तीन करोड़ घरों के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है क्योंकि भाजपा ने पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस-संप्रग के मुक़ाबले पूरे 1.2 करोड़ घर कम बनवाए।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘मोदी जी द्वारा गोद लिया गया पहला गांव जयापुर है। वहां कई दलितों के पास घर और चालू शौचालय नहीं हैं। नागेपुर गांव में भी स्थिति ऐसी ही है और इसके अलावा, सडक़ें भी खराब स्थिति में हैं। परमपुर में पूरे गांव में नल लगे हैं लेकिन उन नलों में पानी नहीं है। पूरे गांव में पिछले दो महीनों से पानी की आपूर्ति नहीं थी। वहां कई दलित और यादव समाज के लोग कच्चे घरों में रहते हैं।’’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने आरोप लगाया कि 2022 तक सबसे सिर पर छत की ‘मोदी की गारंटी’ खोखली साबित होने के बाद अब तीन करोड़ आवास का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत तीन करोड़ घरों के निर्माण के लिए सरकारी सहायता को मंजूरी दी गई। मल्लिकार्जुन खडग़े ने कटाक्ष करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘लोकसभा चुनाव में देश ने ऐसा जवाब दिया कि मोदी सरकार को दूसरों के घरों से कुर्सियां उधार लेकर अपना सत्ता का ‘‘घर’’ संभालना पड़ रहा है। 17 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री जी ने देश को ‘‘मोदी की गारंटी’’ दी थी कि 2022 तक हर भारतीय के सिर पर छत होगी। ये ‘‘गारंटी’’ तो खोखली निकली।’’
उन्होंने आरोप लगाया, कि ‘मोदी जी की आवास योजना में 49 लाख शहरी आवास यानी 60 प्रतिशत घरों का अधिकतर पैसा जनता ने अपनी जेब से भरा।’’ उनके मुताबिक, ‘‘एक सरकारी सामान्य शहरी घर औसतन 6.5 लाख रुपये का बनता है, उसमें केंद्र सरकार केवल 1.5 लाख रू देती है। इसमें 40 प्रतिशत योगदान राज्यों और नगरपालिका का भी होता है। बाकी के बोझ का ठीकरा जनता के सिर पर फूटता है। वो भी करीब 60 प्रतिशत का बोझ। ऐसा संसदीय समिति ने कहा है।’
’ मल्लिकार्जुन खडग़े का कहना था, ‘‘समाचार पत्रों से पता चला है कि मोदी जी ने वाराणसी में जो ‘‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’’ के तहत आठ गांवों को विकसित करने के लिए गोद लिया था वहां गरीबों के पास, खासकर दलित व पिछड़े समाज को अब तक पक्के घर नहीं मिले। अगर कुछ घर हैं तो भी उनमें पानी नहीं पहुंचा, नल तक नहीं है।’’
उन्होंने दावा किया, कि ‘मोदी जी द्वारा गोद लिया गया पहला गांव जयापुर है। वहां कई दलितों के पास घर और चालू शौचालय नहीं हैं। नागेपुर गांव में भी स्थिति ऐसी ही है और इसके अलावा, सडक़ें भी खराब स्थिति में हैं। परमपुर में पूरे गांव में नल लगे हैं लेकिन उन नलों में पानी नहीं है। पूरे गांव में पिछले दो महीनों से पानी की आपूॢत नहीं थी। वहां कई दलित और यादव समाज के लोग कच्चे घरों में रहते हैं।’’ उन्होंने तंज कसते हुए कहा, कि ‘मोदी जी, मीडिया प्रबंधन से बाहर निकलिए। जनता सब जानती है।’’