पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास लगाई-धारा 144
ड्रोन-लेजर बीम पर लगा प्रतिबंध, पढिये क्या है पूरी खबर
चंडीगढ, 5 जून: (विश्ववार्ता): दिल्ली पुलिस ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विमानों के आने-जाने के रास्ते में पडऩे वाले फनल एरिया में ड्रोन और लेजर बीम गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। सूत्रों ने दावा किया है कि राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक घटनाक्रम और प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के कारण एयरपोर्ट पर वीवीआईपी विमानों की आवाजाही के कारण निषेधाज्ञा लगाई गई है। यह आदेश 1 जून से लागू होगा और 30 जुलाई (दोनों तिथियां शामिल) तक लागू रहेगा।
एक्सेस की गई आदेश की कॉपी में लिखा है कि आईजीआई एयरपोर्ट, नई दिल्ली के एयर ट्रैफिक़ कंट्रोल ने लेजर बीम से पायलटों की दृष्टि विचलित होने की घटनाओं की सूचना दी है, खासकर ढ्ढत्रढ्ढ एयरपोर्ट, नई दिल्ली पर विमान उतारते समय, जो न केवल परेशानी का कारण है बल्कि यात्रियों, चालक दल और विमान की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है।
इसमें कहा गया है, “और चूंकि यह पाया गया है कि आईजीआई हवाई अड्डे के अधिकार क्षेत्र में और उसके आसपास कई फार्म हाउस, बैंक्वेट, होटल, रेस्तरां आदि बन गए हैं, जिनमें विवाह, पार्टियों और वहां आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के उत्सव में लेजर बीम सहित बहुत सारी रोशनी का उपयोग किया जाता है, जो सामान्य रूप से उपद्रव का स्रोत है और विशेष रूप से पायलटों के लिए दृष्टि विकर्षण का कारण है।” इसमें आगे कहा गया है कि वर्तमान में लेजर बीम के उपयोग को विनियमित करने के लिए कोई नियम और विनियम नहीं हैं, खासकर रात के समय खुले में। और चूंकि इस संबंध में मानव जीवन और विमान की सुरक्षा के लिए खतरे को रोकने और आईजीआई हवाई अड्डे, नई दिल्ली में और उसके आसपास लेजर बीम के उपयोग के मामले में उपद्रव को रोकने के लिए तत्काल उपाय करना आवश्यक है।
हवाई अड्डे के परिसर में ड्रोन पर प्रतिबंध लगाने के बारे में एक अन्य आदेश में कहा गया है कि विश्वसनीय जानकारी के आधार पर लगातार ऐसी रिपोर्टें मिली हैं कि आतंकवादियों ने ड्रोन, पैरा-ग्लाइडर, हैंग-ग्लाइडर, यूएवी, एयरो-मॉडल आदि सहित मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) का उपयोग करके आतंकी हमले करने की योजना बनाई है। हालांकि, आम लोगों द्वारा ड्रोन, पैरा-ग्लाइडर, एयरो-मॉडल आदि सहित मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) का उपयोग प्रतिबंधित है, क्योंकि यह विमानन सुरक्षा के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है और आतंकवादी हवाई हमलों के लिए भी सुरक्षा खतरा पैदा करता है।