सूर्य देवता के भीषण कहर के चलते हरियाणा मे आज से स्कूलों का समय बदला
शिक्षा विभाग ने स्कूलों की छुट्टियों का भी किया एलान
मौसम विभाग ने जारी किया लू का अलर्ट
चंडीगढ, 18 मई (विश्ववार्ता) उत्तर भारत मे जीवन को अस्त व्यस्त करने वाली भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है और इसी बीच हरियाण में भीषण गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल दिया गया है। अब स्कूलो का आज से सुबह सात बजे से लगेंगे। एकल शिफ्ट वाले स्कूलों में दोपहर 12 बजे छुट्टी हो जाएगी। वहीं दोहरी शिफ्ट वाले विद्यालयों में पहली शिफ्ट सुबह सात बजे से और दूसरी शिफ्ट दोपहर पौने 12 बजे से लगेगी।
वहीं शिक्षा विभाग ने स्कूलों की छुट्टियों का भी एलान कर दिया है। स्कूलों में एक जून से 30 जून तक अवकाश रहेगा। अगले पांच दिन हरियाणा तपेगा। लू के साथ ही पारा 46 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। अगले एक-दो दिनों में पारे में 2 डिग्री तक बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों ने इस संबंध में अलग अलग जिलों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
यूं तो इसका प्रदेशभर में असर रहेगा, लेकिन दक्षिण हरियाणा के महेंद्रगढ़, हिसार, भिवानी, रेवाड़ी समेत अन्य जिलों में गरमी पीक पर होगी।
हरियाणा में मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि 17 से 21 मई तक लू चलेगी और गर्मी बढ़ेगी। आशंका है कि पारा 47 डिग्री को भी पार कर सकता है। प्रदेश में कुछ हिस्सों में पारा 41 से 43 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। आगामी पांच दिनों में उत्तर हरियाणा के जिलों में पारा 42 से 44 डिग्री और दक्षिण हरियाणा के जिलों में 45 से 46 डिग्री तक जा सकता है।
मौसम विशेषज्ञ डा. मनमोहन सिंह का कहना है कि अब धीरे धीरे गर्मी का पीक आएगा। आगामी पांचों दिनों तक लू के थपेड़ों का सामना करना पड़ेगा
अचानक पारा चढऩे के चलते बिजली की खपत भी बढ़ गई है। सप्ताह के अंदर ही एक हजार मेगावाट से अधिक बिजली की मांग बढ़ी है। 9 मई को जहां अधिकतम आपूर्ति 9984 मेगावाट थी, लेकिन अब यह मांग 11 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। गर्मी बढऩे से कूलर और एसी चलने लगे हैं, जिससे बिजली आपूर्ति के लिए अधिक मांग आई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जून में गर्मी और लू और तपाएगी, इसलिए जून माह में बिजली पीक डिमांड पर होगी और संभवाना है कि कुल 14 हजार मेगावाट तक बिजली की खपत हो सकती है।नौतपा को सबसे गर्म समय माना जाता है। इस बार नौतपा की शुरुआत 25 मई से होने जा रही है, जो दो जून तक रहेगा। माना जाता है कि नौतपा में जितनी तेज गर्मी होती है, तो चार महीने अच्छी बारिश होती है। दूसरा, नौतपा के दौरान कीट पतंगे नहीं रहते हैं और इससे बीमारियां फैलने की संभावना कम होती है। हालांकि, पिछले साल नौतपा के दिनों में खूब बारिश हुई थी।