हरियाणा व पंजाब की सीमा शंभू बॉर्डर पर चल रहा किसानों के आंदोलन का आज 88वां दिन
अपनी मांगो को लेकर किसानों का रेल रोको आंदोलन हौंसलों को लेकर लगातार बढता हुआ
आज पहुंचा 28वें दिन मे हुए प्रवेश
चंडीगढ़, 14 मई (विश्ववार्ता): हरियाणा-पंजाब की सीमा शंभू बॉर्डर पर चल रहा किसानों का आंदोलन 89 वें दिन में प्रवेश कर गया है। एक ओर किसान बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं 28 दिन से रेलवे ट्रैक पर भी डटे हैं। उधर, शंभू बॉर्डर पर किसानों ने आंदोलन को मजबूत करने के लिए पक्का मंच लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।
पंजाब के शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक रेलवे लाइन पर बैठे किसानों की वजह से रेलवे को आर्थिक नुकसान होने के साथ यात्रियों को भी काफी परेशानी हो रही है। वहीं किसान आंदोलन को शुरु हुए 28वें दिन मे प्रवेश हो चुका है। इससे रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है, हालांकि अभी इसका आंकलन अभी नहीं किया गया।
किसान आंदोलन के कारण एक तरफ यात्रियों को शारीरिक और मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ रही है, वहीं 3500 के करीब ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो चुका है। प्राप्त जानकारी अनुसार रेलवे ने 17 अप्रैल से 12 मई तक 21 हजार टिकट रद्द किए हैं और रिफंड के तौर पर यात्रियों को 93 लाख रुपये लौटाए गए हैं।
दूसरी तरफ किसान आंदोलन के कारण अंबाला कैंट स्टेशन पर लगातार यात्रियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा भीड़ प्लेटफार्म 1, 2, 3 और 4 पर है क्योंकि दिल्ली, अमृतसर और जम्मू की तरफ से आने वाली अधिकतर ट्रेनों का संचालन इन्हीं प्लेटफार्मों से हो रहा है।
ऐसे में यात्रियों की परेशानी को देखते हुए स्टेशन पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के लिए रेलवे ने टीम की तैनाती कर दी है जोकि जनता खाने और पीने के पानी की उपलब्धता की जांच करेगी ताकि यात्रियों को दोनों सुविधाएं मिलती रहें। इसके लिए स्टाल संचालकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वो उचित मात्रा में जनता खाना और रेल नीर की आपूर्ति सुनिश्चित रखें। वहीं इंजीनियरिंग विभाग को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि स्टेशन पर लगे वाटर कूलर और बूथ की व्यवस्था को दुरुस्त रखें।
नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला मंडल ने कहा है कि किसान आंदोलन के कारण अब तक 3877 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो चुका है। रेलवे ने आगामी तीन दिन यानी 13 मई तक 200 ट्रेनों की सूची जारी कर दी है। यात्री हेल्पलाइन नंबर 139 पर जानकारी लेने के बाद ही स्टेशन पर आएं ताकि उनकी परेशानी कुछ हद तक कम हो सके।
जबकि 17 अप्रैल से शुरु हुए किसान आंदोलन की वजह से अब तक 3877 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो चुका है। सुरक्षा कारणों व एकल मार्ग को देखते हुए रेलवे ने 1550 ट्रेनों को रद्द किया है, वहीं 1546 मेल व एक्सप्रेस और 479 मालगाडिय़ों को बदले मार्ग से चलाया जा रहा है। जबकि 202 ट्रेनों को बीच रास्ते रद्द करके पुन: संचालित किया जा रहा है।जानकारी के अनुसार पहले खुले आसमान के नीचे मंच लगा हुआ था। फिर टैंट लगाया गया था। ऐसे में काफी परेशानी होती थी। वहीं, पक्के मंच से किसान सरकार को भी चेता रहे हैं कि उनका आंदोलन ओर मजबूत हो रहा है। उधर, जेसीबी से खुदाई शुरू करने की एक वीडियो भी वायरल हो रही है। इसमें दिखाई दे रहा है कि एक तरफ किसान खुदाई करवा रहे हैं और पुलिस के जवान भी देख रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेती है उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा।