देशभर मे आज धूमधाम से मनार्ई जा रही ईद-अल-फितर
जानें चांद देखना क्यों जरूरी, ईद के दिन क्या करें और क्या न करे
चंडीगढ़, 11 अप्रैल (विश्ववार्ता) देश के कई हिस्सों में नजर आया शव्वाल महीने का चांद यानी आज पूरे देश भर में धूमधाम से ईद मनाई जा रही है। जिसमें केरल, कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं. हालांकि, अन्य राज्यों में आज चांद का दीदार हुआ है. इस वजह से बाकी के राज्यों में आज ईद का त्योहार मनाया जाएगा। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है. ईद के दिन सुबह की नमाज पढऩे के साथ ही इसकी शुरुआत हो जाती है।
चांद देखना क्यों जरूरी?
इस्लाम धर्म के अनुसार, ईद मनाने से पहले मुसलमान समुदाय के लिए चांद देखना जरूरी होता है। मान्यता है कि शरीयत में अपनी आंखों से देखने और गवाही से ही सुबूत का एतबार है। इसलिए शब-ए-बारात, शब-ए-कद्र, ईद और ईद-उल-अजहा जैसे त्योहार से पहले लोग चांद देखते हैं। चांद रात में चांद देखने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह से दुआ मांगते हैं। रमजान के आखिरी दिन नया चांद देखने के बाद ही ईद का त्योहार शुरू होता है।
ईद के दिन होने वाली नमाज में जरूर शामिल हों।
इसके बाद जकात अल-फित्र यानी दान निकालें।
ईद के मौके पर नए कपड़े पहनें और आपस में एक दूसरे को मुबारकबाद दें।
ईद पर मीठी सेवईंयां और स्वादिष्ट भोजन के साथ जश्न मनाएं।
इसके बाद दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलकर एक दूसरों को ईद की बधाई दें।
ईद के दिन क्या न करें
ईद की नमाज से न चूकें, मस्जिद में नमाज अदा करने की व्यवस्था करें।
ईद की नमाज से पहले जकात-उल-फितर देना न भूलें। ईद के दौरान यह दान एक महत्वपूर्ण दायित्व है।
दिखावा करने से बचें। इस्लाम धर्म के अनुसार कोई भी पोशाक शालीनता से पहने जाने वाली होनी चाहिए।
ईद के दिन व्यक्तिगत स्वच्छता बनाएं रखें।
ईद के दिन किसी भी व्यक्ति को अपमान न करें और न ही किसी का मजाक उड़ाएं।
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