भारत में गर्म हुई सर्दियां और गायब हुआ बसंत
विश्लेषण के बाद जारी हुई रिपोर्ट
चंडीगढ़, 22 फरवरी (विश्ववार्ता) भारत में चार मुख्य ऋतुएँ होती हैं – सर्दी, गर्मी, शरद और वसंत। हर एक ऋतु का अपना अलग असर होता है, जो हमारे जीवन और पर्यावरण को प्रभावित करता है। सर्दी : यह दिसंबर से फरवरी तक रहती है। इस दौरान ठंडी हवाएँ चलती हैं, कोहरा छाता है, और उत्तर भारत में बर्फबारी भी होती है। लोग गर्म कपड़े पहनते हैं और चाय-कॉफी जैसी गर्म चीज़ों का आनंद लेना पसंद करते है। इस मौसम में क्रिसमस और नववर्ष का उत्सव भी आता है , जो सर्दी की वजह से ओर ज्यादा मनमोहक हो जाता है । इसके बाद गर्मी अति है
देश में बसंत का मौसम जैसे गायब सा हो गया है। सर्दियों के बाद सीधे गर्मियां, मौसम में बड़े बदलाव की ओर इशारा करती हैं। तापमान में बहुत तेजी से उतार-चढ़ाव आ रहा है। इसके चलते मौसम बहुत जल्द सर्दियों से गर्मियों में बदल रहा है। यह जलवायु में आते बदलाव नहीं तो और क्या हैं, जिसके चलते देश में मौसमी बदलाव आ रहे हैं।
वैश्विक जलवायु में आते बदलाव भारत में साफ तौर पर दिख रहे हैं। बढ़ते तापमान की गवाही आंकड़े भी देते हैं। आज बदलते मौसम का असर देश में हर आमोखास द्वारा महसूस किया जा रहा है। एक तरफ जलवायु परिवर्तन न केवल देश में बाढ़, सूखा, तूफान जैसी आपदाओं के कहर को बढ़ा रहा है, साथ ही सदियों से चले आ रहे ऋतुओं के चक्र में भी बदलाव की वजह बन रहा है।
इन बदलावों को क्लाइमेट सेंट्रल ने भी अपनी रिपोर्ट में उजागर किया है। क्लाइमेट सेंट्रल ने आंकड़ों और विशेषज्ञों के हवाले से जानकारी दी है कि जलवायु में आते बदलावों के चलते भारतीय ऋतुओं में बदलाव आ रहा है। यह प्रभाव सर्दी के मौसम पर विशेष रूप से दिख रहा है। देश में कहीं सर्दी के दौरान तापमान बढ़ रहा है, तो कहीं कम हो रहा है।
बता दें कि क्लाइमेट सेंट्रल ने अपनी इस नई रिपोर्ट में सर्दियों के मौसम (दिसंबर से फरवरी) पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके साथ ही भारत के 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए औसत मासिक तापमान की भी गणना की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में शामिल देश के प्रत्येक क्षेत्र में सर्दी के दौरान तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। 1970 के बाद से मणिपुर के तापमान में सबसे अधिक 2.3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि दूसरी ओर देश की राजधानी दिल्ली के तापमान में सबसे कम यानी 0.2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है।
क्लाइमेट सेंट्रल ने देश के जिन 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अध्ययन में शामिल किया है, उनमें से 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सर्दियों का सीजन सबसे तेजी से गर्म होने वाला मौसम रहा। वहीं पतझड़ के दौरान 13 क्षेत्रों में मौसम सबसे तेजी से गर्म हुआ था। इस लिहाज से देखें तो तापमान बढ़ने के मामले में पतझड़ के बाद सर्दियों का मौसम दूसरे स्थान पर रहा।
देश में सर्दियों के दौरान भी तापमान में उल्लेखनीय बदलाव दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक देश के दक्षिणी भाग में दिसंबर और जनवरी के दौरान तापमान में अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि दिसंबर और जनवरी में जहां सिक्किम के तापमान में 2.4 डिग्री सेल्सियस वहीं मणिपुर 2.1 डिग्री सेल्सियस का सबसे अधिक बदलाव दर्ज किया गया।
हालांकि देश के उत्तरी भाग में दिसंबर और जनवरी के दौरान तापमान में गिरावट दर्ज की गई। यह कह सकते हैं कि इन क्षेत्रों में सर्दियां और ठंडी हो रही हैं। इस दौरान दिल्ली जहां दिल्ली के तापमान में -0.2 डिग्री सेल्सियस की कमी देखी गई जो जनवरी में बढ़कर -0.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गई।