हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों का बीजेपी से किया किनारा
लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में हो गया खेला
सही समय पर सही फैसला लिया, पूर्व सीएम हुड्डा, हुड्डा की राष्ट्रपति शासन की मांग
चंडीगढ, 8 मई (विश्ववार्ता): लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में बनी बीजेपी की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जिन छह निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ यहां बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई थी, उनमें तीन ने अपने समर्थन को वापस ले लिया है और कांग्रेस के खेमे में चले गए हैं। तीन विधायकों के जाने के कारण अब हरियाणा में बीजेपी की नायब सरकार अल्पमत में आ गई है।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीनों विधायकों का स्वागत किया और कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि मौजूदा सरकार से लोगों का मोह भंग हो गया है और जनभावना को देखते हुए ही इन्होंने फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह ठीक समय पर ठीक फैसला लिया गया है। कांग्रेस के पक्ष में लहर चल रही है, इसमें इनका भी योगदान होगा कि ये बाहर से कांग्रेस का समर्थन करेंगे। इन्होंने जनभावनाओं की कदर करते हुए ये फैसला लिया है।
नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की उपस्थिति में रोहतक में निर्दलीय विधायकों पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर, चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. तीनों निर्दलीय विधायकों ने कहा कि वो सरकार की नीतियों से खुश नहीं थे इसलिए बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं।
हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों की ओर से सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि जनभावना के हिसाब से तीनों विधायकों ने फैसला लिया है। कांग्रेस की लहर चल रही है और इस लहर में इनका भी योगदान होगा।
तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा हरियाणा सरकार से समर्थन वापस लेने और कांग्रेस को समर्थन देने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर, हरियाणा के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नायब सिंह सैनी ने कहा कि मुझे यह जानकारी मिली है। विधायकों की कुछ इच्छाएं होती है। कांग्रेस कुछ लोगों की इच्छाओं को पूरा करने में लगी हुई है। अब कांग्रेस को जनता की इच्छाओं से कोई लेना-देना नहीं है।