कोविड-19 की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ के प्रतिकूल प्रभाव से आम जनता को घबराने की जरुरत नहीं -डॉ. मोहसिन वली
देश के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में आयी खबरों से आम जनता को घबराने की जरुरत नहीं है बल्कि ऐसी वैक्सीन के कारण लोगों की जान बची हैं। प्रणव मुखर्जी समेत देश के तीन राष्ट्रपति के निजी चिकित्सक रह चुके डॉ. मोहसिन वली ने ‘यूनीवार्ता’ से शुक्रवार को विशेष बातचीत में कहा कि कोरोना महामारी के आपातकाल के समय अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए कम अवधि के शोध में तैयार वैक्सीनों में से एक ‘कोविशील्ड’ के दुष्प्रभाव की पुष्टि नहीं हुई है और न ही इसके बारे कोई अनुसंधान सामने आया है। डॉ. वली ने कहा,‘‘ मेरा मानना है कि लोगों को वैक्सीन के बारे में ब्रिटेन में जो हो रहा है, उसे अपने देश से नहीं जोड़ना चाहिए। वह न्यायालय और मुआवजे का मामला है। मैं तो कहता हूं कि इससे बहुत लोगों की जान बची है। अगर साइड इफेक्ट की बात करनी ही है, तो यह दुर्लभ मामलों में कही गयी है।
वैज्ञानिक किसी भी वैक्सीन के गुण -दोष पर उसे सुरक्षित मानते हैं। अगर एक वैक्सीन से लाखों लोगों की जान बचती है और कुछेक लोगों पर यह कुछ नकारात्मक प्रभाव छोड़ती है, तो उसके गुण के आधार पर इसे सुरक्षित मानकर लाखों जिंदगियां बचाई जाती हैं।” उन्होंने कहा,‘‘किसी ने भारत में अगर कोविशील्ड अथवा कोवैक्सीन लगवायी और अभी तक उन्हें कुछ हुआ नहीं, तो वे सुरक्षित हैं ,क्योंकि इसका किसी भी तरह का साइड इफेक्ट होता तो अब तक हो जाता। हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इस बात की पुष्टि की है कि हमारी दोनों वैक्सीन सुरक्षित हैं और आगे जाकर कुछ होता है, तो इस पर शोध जारी है।” उन्होंने कहा, ‘‘लॉन्ग कोविड का प्रभाव जरुर देखा जा रहा है जो ब्रेन फॅाग, मेमोरी लॉस आदि है। इसे वैक्सीन से नहीं जोड़ा जा सकता ।
डॉ. वली ने कहा,‘‘ मेरा मानना है कि लोगों को वैक्सीन के बारे में ब्रिटेन में जो हो रहा है, उसे अपने देश से नहीं जोड़ना चाहिए। वह न्यायालय और मुआवजे का मामला है। मैं तो कहता हूं कि इससे बहुत लोगों की जान बची है। अगर साइड इफेक्ट की बात करनी ही है, तो यह दुर्लभ मामलों में कही गई है। वैज्ञानिक किसी भी वैक्सीन के गुण -दोष पर उसे सुरक्षित मानते हैं। अगर एक वैक्सीन से लाखों लोगों की जान बचती है और कुछेक लोगों पर यह कुछ नकारात्मक प्रभाव छोड़ती है, तो उसके गुण के आधार पर इसे सुरक्षित मानकर लाखों जिंदगियां बचाई जाती हैं।’’ उन्होंने कहा,‘‘किसी ने भारत में अगर कोविशील्ड अथवा कोवैक्सीन लगवायी और अभी तक उन्हें कुछ हुआ नहीं, तो वे सुरक्षित हैं, क्योंकि इसका किसी भी तरह का साइड इफेक्ट होता तो अब तक हो जाता। हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इस बात की पुष्टि की है कि हमारी दोनों वैक्सीन सुरक्षित हैं और आगे जाकर कुछ होता है, तो इस पर शोध जारी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लॉन्ग कोविड का प्रभाव जरुर देखा जा रहा है जो ब्रेन फॅाग, मेमोरी लॉस आदि है। इसे वैक्सीन से नहीं जोड़ा जा सकता।