76वीं गणतंत्र दिवस परेड मे इस बार कुल 26 झांकियों मे दिखेगी भारतीय संस्कृति व समृद्धि
पंजाब की झांकी भी होगी शामिल,मात्र इतने दिनो मे हुई तैयार
तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी में दिखेगा जल-थल-आकाश का तालमेल
चंडीगढ़, 24 जनवरी (विश्ववार्ता) नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को 76वीं गणतंत्र दिवस परेड के दौरान इस बार पंजाब की झांकी देखने को मिलेगी। झांकी में पंजाब की खेती से लेकर फुलकारी तक को जगह दी गई है। झांकी बाबा शेख फरीद को समर्पित है। करीब 21 दिन की मेहनत के बाद यह झांकी तैयार की गई है। वही देश की विविधता और सांस्कृतिक समावेशिता को दर्शाने वाली विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों की कुल 26 झांकियां तैयार की गई हैं। 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ 10 मंत्रालयों और विभागों की होंगी झांकियां
इस परेड में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ 10 मंत्रालयों और विभागों की अनूठी थीम वाली झांकियां शामिल होंगी। वहीं इस बार झांकियों का थीम- ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ रखी गई है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि ये झांकियां भारत की विविध क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगी। इस वर्ष, परेड का खास आकर्षण यह है कि तीनों सेनाओं की सशक्त और सुरक्षित भारत थीम वाली एक झांकी इस परेड में भाग लेगी।
गौरतलब हो, इस वर्ष पहली बार सेना के तीनों अंगों, थल सेना, नौसेना और वायु सेना की एक संयुक्त झांकी प्रस्तुत की जा रही है। तीनों सेनाओं की यह संयुक्त झांकी जल-थल-आकाश में सशस्त्र बलों के बेहतर समन्वय, संयुक्तता और एकीकरण का प्रतीक है। यह झांकी एक युद्धक्षेत्र परिदृश्य को प्रदर्शित करेगी।
युद्धक्षेत्र में थल सेना का स्वदेशी मुख्य युद्धक अर्जुन टैंक, वायुसेना का तेजस एमकेआईआई लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, नौसेना का विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम और दूर से संचालित विमान एक साथ जमीन, पानी और हवा में एक सिंक्रोनाइज ऑपरेशन का प्रदर्शन करते हुए दिखाई देंगे। यह संयुक्त झांकी युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेनाओं के तालमेल को दर्शाती है।
इसके अतिरिक्त परेड में, मौसम विभाग भी पहली बार अपनी झांकी निकालेगा। इस संबंध में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन ने कहा है कि मौसम विभाग के लिए यह गर्व की बात है कि झांकी में विभाग का पिछले 150 वर्षों का समृद्ध इतिहास और विरासत दिखाई देगा।
वहीं अन्य झांकियों के अलावा, संस्कृति मंत्रालय की झांकी भारत की सांस्कृतिक विविधता और रचनात्मकता का जश्न मनाती है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विरासत भी, विकास भी’ के मंत्र से प्रेरित है।