खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की भूख हडताल 54वें दिन मे प्रवेश
लगातार बिगडती जा रही है डल्लेवाल की हालत
चंडीगढ़, 18जनवरी (विश्ववार्ता) खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 54वें दिन भी जारी रहा। डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि रात 12.25 बजे जगजीत सिंह डल्लेवाल को 3-4 बार उल्टियां आईं।
हरियाणा से 10 किसान 111 किसानों के साथ आमरण अनशन पर बैठ गए हैं जिनके नाम दशरथ मलिक (हिसार), वीरेंद्र खोखर (सोनीपत), हँसबीर खरब (सोनीपत), रणबीर भुकर (पानीपत), रामपाल उझाना (जींद), बेदी दहिया (सोनीपत), सुरेश जुल्हेड़ा (जींद), जगबीर बेरवाल (हिसार), बलजीत सिंहमार (जींद), रोहताश राठी (पानीपत) हैं। वहीं किसान नेताओं ने बताया कि आज देश के किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल के दिखाए रास्ते पर चलते हुए अपनी कुर्बानी देने को तैयार हैं। देश के किसान इस बात को समझ रहे हैं कि जगजीत सिंह डल्लेवाल उनकी जमीनों, खेती और अगली पीढ़ी को बचाने के लिए 53 दिनों से आमरण अनशन कर रहे हैं और हम सब उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि पुलिस ने मुझे उठाने की कई बार कोशिश की. जब लोगों को पता चला तो पंजाब और हरियाणा से सैकड़ों युवा हमारे साथ आ गए और मोर्चा संभाल लिया. आज जो लोग आगे तक पहुंचे हैं, यह ईश्वर की कृपा ही है। सरकार चाहे कितना भी जोर लगा ले, हम मोर्चा जीतकर रहेंगे।
खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि अब तक सात लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। हम किसानों के नेता हैं, लेकिन किसी ने इन किसानों की मौत या आगे और आत्महत्याएं रोकने के लिए कुछ नहीं किया। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की जान बहुत महत्वपूर्ण है। उस दिन मैंने भी कहा था कि डल्लेवाल की जान तो महत्वपूर्ण है, लेकिन उन सात लाख किसानों के बच्चों का क्या होगा जो अब हमारे बीच नहीं हैं?
कौन हैं जगजीत सिंह डल्लेवाल?
जगजीत सिंह डल्लेवाल पंजाब में फरीदकोट के डल्लेवाल गांव के रहने वाले हैं. किसान परिवार से आने वाले डल्लेवाल ने पंजाब विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्टग्रैजुएशन की है।
साल 2022 में उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से अलग होकर ये संगठन बनाया है. इसकी वजह ये थी कि उस वक्त एसकेएम के ही एक नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने संयुक्त समाज मोर्चा का गठन कर पंजाब में साल 2022 का विधानसभा चुनाव लडऩे का एलान कर दिया था. इसके बाद डल्लेवाल ने अपने संगठन को अलग कर लिया और जुलाई 2022 में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) का गठन किया. यह संगठन 150 किसान संगठनों को मिलाकर बना है, जो कि राजनीति में शामिल नहीं हैं।