Himachal Pradesh की सुक्खू सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में लिए बड़े फैसले
डा. मनमोहन सिंह के नाम पर होगा हिप्पा संस्थान
हिमाचल में बीपीएल परिवारों की पहचान के लिए दोबारा
होगा से सर्वे
चंडीगढ़, 10 जनवरी (विश्ववार्ता): हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की. मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखा. मंत्रिमंडल ने देश और हिमाचल प्रदेश के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की.
हिमाचल में बीपीएल परिवारों की पहचान के लिए दोबारा से सर्वे होगा। राज्य सरकार ने बीपीएल परिवार के चयन में नए प्रावधान तय किए हैं। हिमाचल में बीपीएल परिवार का कोटा केंद्र से तय दो लाख 82 हजार ही रहेगा। राज्य सरकार ने बीपीएल परिवारों के लिए तय नियमों को बदलने का फैसला किया है। भविष्य में बीपीएल परिवारों के लिए आय डेढ़ लाख रुपए होगी। यह फैसला मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया है। कैबिनेट ने ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल करने की मंजूरी दी है। जिनमें 18 से 59 वर्ष की उम्र के बीच कोई वयस्क सदस्य नहीं हैं। ऐसे परिवार जिनकी मुखिया महिलाएं हैं, ऐसे परिवार जिनके मुखिया 50 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांग हैं, ऐसे परिवार जिन्होंने मनरेगा के तहत बीते वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिन तक काम किया है।
ऐसे परिवार जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया या किसी अन्य बीमारी से पीडि़त हैं। मंत्रिमंडल में डोमेन-विशिष्ट निकायों से डाटा एकत्रित करने, नया डाटा बेस विकसित करने और व्यापक जल संबंधी जानकारी प्रसारित करने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य जल सूचना विज्ञान केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी है। दस साल के कार्यक्रम के अनुसार बिक्री के लिए सफेदा, चिनार और बांस को छोडक़र अन्य पेड़ों की कटाई और खैर की कटाई पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने राज्य के दूरदराज और कठिन क्षेत्रों में रहने वाले आम आदमी की शिकायतों के समाधान के लिए सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी। इसके अलावा मंत्रिमंडल में व्यापक बहुआयामी दृष्टिकोण के माध्यम से राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने और नशीली दवाओं की तस्करी और संगठित अपराध नेटवर्क को खत्म करने के लिए एक विशेष कार्य बल की स्थापना को भी मंजूरी दी है।
धारा 118 के आवेदनों पर अब 12 फीसदी स्टांप ड्यूटी
कैबिनेट ने भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 की अनुसूची एक-ए में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश जारी करने का निर्णय लिया है। अब धारा 118 की अनुमति मांगने वाले गैर कृषक को मकान या उद्योग लगाने के लिए स्टांप ड्यूटी फीस अलग से होगी। मंत्रिमंडल में निर्णय लिया गया है कि 12 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी लगाई जाएगी। मंत्रिमंडल ने वैट, सीएसटी, प्रवेश कर आदि जैसे सम्मिलित अधिनियमों के तहत लंबित मामलों, मुकदमों और बकाया के निपटान के लिए हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना 2025 शुरू करने को मंजूरी दे दी।
पंप स्टोरेज ग्रीन एनर्जी चार्जेज तय
मंत्रिमंडल ने भारत सरकार से किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना के विद्युत घटक के लिए 90:10 वित्तपोषण फार्मूला अपनाने के आग्रह को दोहराया, जो जल घटक के लिए अपनाए गए फार्मूले के समान है। इसके स्थान पर अंतर-राज्यीय समझौते के तहत विद्युत घटक के लिए राज्य सरकार द्वारा देय संपूर्ण राशि के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया। कैबिनेट में पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए ढाई लाख रुपए प्रति मेगावाट पहले दस साल के लिए ग्रीन एनर्जी डवलपमेंट चार्जेज तय किए हैं। जबकि दस साल के बाद इसे बढ़ाकर दोगुना यानि पांच लाख रुपए प्रति मेगावट किया जाएगा। कैबिनेट ने पांच मेगावाट से ऊपर की पनबिजली और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के साथ-साथ ग्रीन हाइड्रोजन, बायोमास और पंप स्टोरेज परियोजनाओं के आवंटन और निगरानी का अधिकार ऊर्जा विभाग को सौंपने का निर्णय लिया है। नालागढ़ में एक मेगावाट की ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है। इसे एचपीपीसीएल द्वारा निष्पादित किया जाएगा।
लोकसेवा आयोग में भरे जाएंगे जेओए (आईटी) के 10 पद
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग, शिमला के लिए कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के 10 पद सृजित करने और भरने का निर्णय लिया। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग, हमीरपुर के माध्यम से ग्रुप-सी पदों की भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षण आयोजित करने के लिए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डैक) का चयन करने का निर्णय लिया गया। पर्यावरण की रक्षा करने और हरित पट्टियों में मानवीय हस्तक्षेप के निशानों को कम करने के लिए मंत्रिमंडल ने शिमला जिले में तारा देवी मंदिर के आसपास के क्षेत्र को हरित क्षेत्र के दायरे में लाने का निर्णय लिया। बैठक में शिमला जिले के भौलार स्थित रैथल जातर मेला को जिला स्तरीय मेला घोषित करने का निर्णय लिया गया।
चंबा के साहो और कांगड़ा के चच्चियां उपतहसील
कांगड़ा जिले की उपतहसील पंचरुखी को तहसील के रूप में स्तरोन्नत करने का भी निर्णय लिया गया। शिमला जिले के धमवारी, चंबा जिले के साहो और कांगड़ा जिले के चच्चियां में आवश्यक पदों के सृजन और भरने के साथ नई उपतहसील खोलने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने सिरमौर जिले में मौजूदा ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा कार्यालय शिलाई को विभाजित करके ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा कार्यालय रोहनाट के निर्माण को मंजूरी दी। विकास खंड लंबागांव की तीन ग्राम पंचायतों अर्थात मटियाल, कुडाल और धडोल को कांगड़ा जिले के विकास खंड बैजनाथ में स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया गया।
नालागढ़ विकास प्राधिकरण लैंड पूलिंग पालिसी को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने बद्दी-बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण लैंड पूलिंग पालिसी-2025 को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने डोमेन-विशिष्ट निकायों से डाटा एकत्रित करने, नया डाटा बेस विकसित करने और व्यापक जल संबंधी जानकारी प्रसारित करने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य जल सूचना विज्ञान केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी। बैठक में शिमला जिला के भोलार रथाल जातर मेले को जिला स्तरीय मेला घोषित करने का निर्णय लिया।
डा. मनमोहन सिंह के नाम पर होगा हिप्पा संस्थान
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखा। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) का नाम बदलकर डा. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान करने को मंजूरी दे दी। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा ने बताया किडा. मनमोहन सिंह की दूरदर्शिता और समर्थन के कारण राज्य में कई प्रमुख परियोजनाएं साकार हुईं। इनमें अटल टनल, तीन मेडिकल कॉलेज, नेर चौक में ईएसआईसी अस्पताल, आईआईटी मंडी, आईआईआईटी ऊना, सेंट्रल यूनिवर्सिटी और कांगड़ा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) शामिल हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में डा. मनमोहन सिंह ने देश को आर्थिक संकट से उबारने और आर्थिक सुधारों की मजबूत नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने भारत के वित्तीय परिदृश्य ने नया आकार दिया। सूचना का अधिकार अधिनियम, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, आधार की शुरूआत, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) और 72 लाख किसानों के लिए ऐतिहासिक ऋण माफी जैसी उनकी पहल को मील के पत्थर के रूप में उजागर किया गया था। उनके प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को भारत के लिए स्थायी लाभ वाली एक रणनीतिक उपलब्धि के रूप में सराहा गया था। केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में, डॉ. मनमोहन सिंह ने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने और आर्थिक सुधारों की मजबूत नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने भारत के वित्तीय परिदृश्य को नया आकार दिया।