करनाल से कांग्रेस के उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा पंचकूला कोर्ट में हुए पेश
नगर निगम आयुक्त की शिकायत पर हुआ था केस
जानें कौन है दिव्यांशु बुद्धिराजा
चंडीगढ, 3 मई (विश्ववार्ता) कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने पंचकूला में दर्ज एफआइआर व भगोड़ा घोषित करने के आदेश को रद्द करने की हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। कोर्ट में बुद्धिराजा के वकील ने आश्वासन दिया था कि वह जल्द ही ट्रायल कोर्ट में समर्पण कर देंगे। इस आश्वासन के बाद हाई कोर्ट ने सुनवाई सात मई तक स्थगित कर दी थी।
अपनी याचिका में बुद्धिराजा ने पंचकूला में दर्ज एफआइआर व उन्हें भगोड़ा घोषित करने के पंचकूला कोर्ट के आदेश को रद करने की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि पंचकूला अदालत ने नियमों की अनुपालना न करते हुए उन्हें भगोड़ा घोषित किया है।
याचिका के अनुसार उन्हें वर्ष 2018 में हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल के खिलाफ बेरोजगारी को लेकर फ्लैक्स बोर्ड लगाने पर दर्ज केस में भगोड़ा घोषित किया गया है।
बता दें कि दिव्यांशु बुद्धिराजा पर 2018 में पूर्व CM मनोहर लाल के खिलाफ बेरोजगारी को लेकर फ्लैक्स बोर्ड लगाने पर मामला दर्ज हुआ था। कोर्ट ने बुद्धिराजा को पेश होने के लिए कई बार समन जारी किए गए थे, लेकिन वह पेश नहीं हुए। जिसके चलते उन्हें पंचकूला कोर्ट ने भगोड़ा घोषित करार दे दिया था। इसके बाद बुद्धिराजा ने पंचकूला में दर्ज एफआइआर व भगोड़ा घोषित करने के आदेश को रद्द करने की गुहार लगाई थी। बीते दिन भी सुनवाई हुई थी जिसमें सुनावाई की अगली तारीख दी गई जोकि 7 मई को होनी थी।
कांग्रेस ने जिस दिव्यांशु बुद्धिराजा को लोकसभा का टिकट करनाल से दिया है वह युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय माने जाते है। मूल रूप से वह गोहाना के रहने वाले है और लंबे समय से राजनीति में सक्रिय है। कॉलेज के दिनों में पंजाब यूनिवर्सिटी का अध्यक्ष बनने के बाद दिव्यांशु NSUI के अध्यक्ष बने और छात्र राजनीति में उनका आगाज हो गया। कहा जाता है कि वह बेहतर रणनीतिकार भी है। दिव्यांशु 2013 से कांग्रेस से जुड़े है और दीपेंद्र हुड्डा के काफी नजदीकी माने जाते है। करनाल से दिव्यांशु को टिकट देकर कहीं न कहीं कांग्रेस ने भी पंजाबी कार्ड खेला है।