बेंगलुरु की कंपनी में AI इंजीनियर Atul subhash सुसाइट मामले से जुडी बडी खबर आई सामने
पत्नी निकिता सिंघानिया उसकी मां, भाई और चाचा के खिलाफ मुकदमा दर्ज
पढिये क्या है अतुल सुभाष सुसाइड मामला जिसका देश ही नही दुनिया मे भी चर्चा का है विषय
24 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा, 1 घंटे से ज्यादा का वीडियो
चंडीगढ़, 12 दिसंबर (विश्ववार्ता) बेंगलुरु की कंपनी में एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने पत्नी के उत्पीडऩ से तंग आकर आत्महत्या मामले से जुडी बडी खबर सामने आ रही है कि बेंगलुरु पुलिस ने अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया उसकी मां, भाई और चाचा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बेंगलुरु पुलिस आरोपियों से पूछताछ के लिए जौनपुर पहुंच चुकी है. पुलिस के पहुंचने पर आरोपी निकिता की मां और भाई घर से फरार हो गए हैं. जौनपुर की कोतवाली इलाके के खोआ मंडी स्थित उनके मकान में ताला लगा हुआ है। आरोपी मां निशा सिंघानियां और भाई अनुराग सिंघानियां घर से फरार होते हुए वीडियो में रिकॉर्ड हुए हैं।
क्या है अतुल सुभाष सुसाइड केस ?
सोमवार को 34 साल के इंजीनियर अतुल सुभाष ने बेंगलुरु स्थित अपने फ्लैट पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने आत्महत्या से पहले 24 पेज के सुसाइड नोट और 81 मिनट का वीडियो बनाया था. अतुल ने अपनी पत्नी निकिता, सास निशा, साले अनुराग और निकिता के चाचा सुनील पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कोर्ट के पेशकार से लेकर जज तक पर रिश्वत का आरोप लगाया है. अतुल सुभाष के भाई ने निकिता सिंघानियां, उनकी मां-भाई और चाचा के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
24 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा, 1 घंटे से ज्यादा का वीडियो
आत्महत्या करने से पहले AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने 24 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा और विस्तार से यह बताया है कि, इस खौफनाक कदम को उठाने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा। अतुल सुभाष ने एक-एक चीज का जिक्र किया है। यही नहीं अतुल ने 1 घंटे से ज्यादा का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया। जिसमें अतुल ने यह सब बताया कि, पत्नी और सिस्टम से ज़िंदगी में किस कदर उत्पीड़न हो रहा था और अपनी जान लेने के लिए मजबूर हो रहा है।
अतुल सुभाष ने बताया कि, जौनपुर में फैमिली कोर्ट में पिछले करीब ढाई सालों में 120 से ज्यादा डेट्स लग चुकी हैं। 40 बार मैं खुद बेंगलुरु से जौनपुर डेट्स अटेण्ड करने आ चुका हूं। मुझे 1 कोर्ट डेट अटेण्ड करने के लिए लगभग दो दिन का समय लगता है। जबकि मुझे साल में 23 छुट्टियां मिलती हैं। मैं इन डेट्स से परेशान आ चुका हूं। इसके अलावा मेरे माता-पिता और भाई को भी कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं। अतुल सुभाष ने कहा कि, अधिकतर कोर्ट डेट्स में कुछ नहीं होता। या तो जज की एबसेंट होती है या वकील काम नहीं कर रहे होते। ऐसे में कोर्ट जाने पर समय के साथ-साथ पैसों की भी बर्बाद होती है और जो परेशानी होती है वो अलग।
2019 में हुई थी अतुल सुभाष की शादी
मरने से पहले अतुल सुभाष ने जो वीडियो जारी किया। उसमें कहा- मैं इन सभी चीजों से अब हैरान हो गया हूं। मैं अब और अपनी पत्नी के उत्पीड़न और करप्ट कानून व्यवस्था में नहीं जी सकता। मैं अपनी ज़िंदगी खत्म करने जा रहा हूं। मेरे मरने के पीछे 5 लोग जिम्मेदार हैं। जौनपुर में फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक, मेरी पत्नी निकिता सिंघानिया, मेरी सास, मेरा साला और मेरी पत्नी के अंकल। अतुल सुभाष ने बताया कि, मेरी पत्नी निकिता सिंघानिया ने मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ मारपीट, हत्या, घरेलू हिंसा और दहेज के मामलों में लगभग 9 झूठे केस डाले हुए हैं। 6 केस लोअर कोर्ट में हैं और 3 हाईकोर्ट में।
मेरे और परिवार के ऊपर हत्या (302) के मामले में कहा गया है कि, मैंने और मेरे परिवार ने 2019 में पत्नी के पिता से 10 लाख रुपये दहेज मांगा और जिससे उन्हें गहरा आघात लगा और उनकी मौत हो गई। मेरी पत्नी ने कोर्ट में मेरी इनकम पहले 40 लाख और फिर 80 लाख बताई और कहा कि, 10 लाख के लिए मैंने पत्नी और बच्चे को छोड़ दिया। लेकिन क्रॉस एग्जामिनेशन में यह पता चला कि, वो लंबे समय से बीमार थे इसलिए अगस्त 2019 में उनकी मौत हुई।
अतुल सुभाष ने बताया कि, 2019 में मेरी जौनपुर की निकिता सिंघानिया के साथ शादी हुई थी। शादी के कुछ महीनों बाद पत्नी के पिता की मौत हो गई। मई 2021 तक मेरी पत्नी मेरे साथ रहती थी। तकरीबन दो साल पिता की मौत के बाद वो मेरे साथ रही और मेरा साथ छोड़ने के 8 महीने बाद मुझ पर पिता की हत्या का केस डाला गया। पत्नी ने ये केस 2022 में मेरे और मेरे परिवार के ऊपर लगाया।
अननेचुरल सेक्स (377) जैसा केस भी दर्ज कराया
अतुल सुभाष ने बताया कि, मुझे नहीं पता कि मैंने क्या अननेचुरल सेक्स किया है, मेरा नेचुरल सेक्स से एक बेटा जरुर हुआ है। मेरी पत्नी के पास कोई मेडिकल प्रूफ नहीं है। कोई सच्चाई नहीं है। मैं यह बताना चाहता हूँ कि, अननेचुरल सेक्स की बात तो दूर, जो परस्पर नेचुरल सेक्स होता है वो भी साथ हमारे रहने के दौरान अंतिम 6 महीनों के बीच नहीं हुआ। इसका कारण है कि, मेरी पत्नी चार–चार पाँच दिन नहाती नहीं थी। तब जब उसे बच्चे को दूध भी पिलाना होता था। वो लेटने पर कांख-बगल चाटती थी। आप सोच सकते हैं कि, किसी आदमी को ये कितना गंदा लगेगा। इसके अलावा उसकी इच्छा रहती थी कि, मैं उसके मल-मूत्र के द्वार चाटू। मगर ये मुझसे नहीं हुआ।
अतुल सुभाष ने बताया कि, मैंने ये सब करने से मना कर दिया। इसी वजह से जब वो मुझसे सेक्स को कहती तो मैं बहाना बना देता था कि मेरा सिर दर्द हो रहा है, मैं थक गया हूं। अतुल सुभाष ने कहा कि, समाज में एक धारणा है कि, एक आदमी अपनी पत्नी के पीछे सेक्स के लिए पड़ा रहता है और जिसके चलते पत्नी को सिर दर्द और थकान का बहाना बनाना पड़ता है। मैं बता दूं कि ऐसा सिर्फ औरत के साथ ही नहीं आदमी के साथ भी होता है। अतुल सुभाष ने आगे बताया कि, मेरे और मेरे परिवार के ऊपर 498A की भी लगाई गई। इस धारा ने अब तक कई परिवारों और आदमियों को बर्बाद कर दिया है। इसकी वजह से कई लोगों ने जान दे दी है।
मेंटेनेंस में 2 लाख रुपये महीने देने की डिमांड
अतुल सुभाष ने बताया कि, मेरी पत्नी ने सीआरपीसी 125 में मेंटेनेंस का केस डाला। जो जौनपुर में फैमिली कोर्ट में जज रीता कौशिक की अदालत में दाखिल हुआ था। पत्नी की डिमांड थी कि मुझे 2 लाख रुपये महीने दिये जायें। 1 लाख रुपये मेरे दो साल से कम बच्चे के भरण-पोषण के लिए और 1 लाख रुपये अपने भरण-पोषण के लिए। इसके बाद पत्नी ने तलाक का केस डाला गया और बाद में इस केस को वापस ले लिया। अतुल सुभाष ने बताया कि मेरी पत्नी बीटेक इन कम्प्युटर साइंस, एमबीए इन फाइनेंस करने के बाद एक नामी मल्टीनेशनल कंपन्नी में एआई इंजीनीयर रही है।
बच्चे से मिलने नहीं देती, बात नहीं कराती
अतुल सुभाष ने बताया कि, मुझे छोड़कर जाने के बाद मेरी पत्नी ने मुझे बच्चे से नहीं मिलने दिया। उससे बात भी नहीं कराई। वहीं मैंने कोर्ट में अपने बच्चे से मिलने का भी आवेदन दिया। जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अतुल सुभाष ने कहा कि, फैमिली कोर्ट की जज ने भी मुझे हरास करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। जज ने आदेश दिया कि मुझे हर महीने 80 हजार रुपये बच्चे के भरण पोषण के लिए देना है। इसके बाद पत्नी ने हाईकोर्ट में केस किया कि पैसे कम हैं उसे और पैसे चाहिए।
अतुल सुभाष ने बताया कि, दोनों की बेंगलूरु में शादी हुई थी दोनों शादी के बाद वहीं रह रहे थे। जब पत्नी ने ये केस नहीं किए थे तो वो सेटलमेंट के नाम पर 1 करोड़ रुपये मांग रही थी और कह रही थी कि अगर नहीं दिये तो हरास करेंगे लेकिन मैंने सोचा कि मैं पढ़ा-लिखा आदमी हूं। ये कितना परेशान कर पाएंगे। हमारे पास सारे सबूत हैं। लेकिन मैं गलत था। शुरुवात में ये डिमांड में कोर्ट में सेटलमेंट के लिए 1 करोड़ की थी लेकिन बाद में वहां ये डिमांड 3 करोड़ की हो गई। इसके बाद जज रीता कौशिक द्वारा भी पत्नी का फेवर किया गया।
अतुल सुभाष ने कहा कि, मैं अगर 80 हजार रुपये हर महीने दे भी दूं तो इसका क्या भरोसा है कि पत्नी की डिमांड आगे और नहीं बढ़ेगी और मेरा और मेरे परिवार के ऊपर से फिर और पैसे मांगने के केस नहीं लगाए जाएंगे। अतुल सुभाष ने कहा कि, जौनपुर में फैमिली कोर्ट में जज रीता कौशिक एक भ्रष्ट जज हैं और उन्हें अपना काम भी नहीं आता है। इनकी अदालत में करप्शन 50 रुपये से शुरू होता है। पेशकार ये रुपए लेता है और जज के पास बैठता है। हमारे जैसे मोटे पैसे वाले लोगों के 500 से हजार रुपए तक लेता है। रीता कौशिक रिश्वत लेके जजमेंट देती है।
जज ने मुझसे सीधे रिश्वत मांगी
अतुल सुभाष ने बताया कि, जज रीता कौशिक ने कहा कि, तुम पत्नी को 3 करोड़ क्यों नहीं दे देते। तुम्हारे पास होंगे तभी तो पत्नी मांग रही है। जब मैंने कहा कि, पत्नी के सारे इल्जाम झूठे हैं तो जज का कहना था कि तो क्या हुआ पत्नी है वो तुम्हारी। झूठे केस डाल दिये तो क्या। यह सुनकर मैं हैरान रह गया। जब मैंने कहा कि मैडम ऐसे झूठे केसों की वजह कई लोग सुसाइड कर लेते हैं तो इस पर मेरी पत्नी बोली कि तुम क्यों नहीं कर लेते सुसाइड। इस बात पर जज हंस पड़ी। इसके बाद जज ने पत्नी को बाहर भेजा और मुझे कहा कि, सभी केस सेटल करा देती हूं तुम मुझे 5 लाख दे दो। नहीं तो सारी ज़िंदगी कोर्ट के चक्कर काटते रहना। यानि जज ने मुझसे सीधे रिश्वत मांगी।
इसके अलावा शुरुवात में पेशकार माधव ने मुझसे 3 लाख रुपये मांगे थे। वहीं मेरी पत्नी ने मेंटेनेंस पाने के लिए सारी जानकारी झूठी दी। अब मेरा मानना है कि, मुझे खुद को ही खत्म कर लेना चाहिए। यही मेरे लिए बेस्ट है क्योंकि मैं अपने ही पैसों से अपने दुश्मन को बलवान बना रहा हूँ। वो पैसे मुझे ही बर्बाद करने के लिए यूज हो रहे हैं और यह सिलसिला बढ़ता ही रहेगा। मेरे ही टैक्स के पैसों से ये कोर्ट भी और ये पुलिस सिस्टम मुझे और औरों को भी हैरान करता रहेगा। इसलिए पैसों का जो सोर्स है उसे ही खत्म कर देना चाहिए।
अतुल सुभाष की आखिरी इच्छाएं
मरने से पहले अतुल सुभाष ने अपनी आखिरी इच्छाएं भी बताई हैं। अतुल सुभाष ने कहा कि, मेरी कुछ आखिरी इच्छायें हैं कि, मेरी एक इच्छा है कि मेरी पत्नी मेरे बच्चे को मेरे परिवार को सौंप दे। क्योंकि मेरे मां-बाप उसे ज्यादा अच्छे वैल्यू के साथ बड़ा करेंगे। वैसे भी मेरी पत्नी मेरे बच्चे को पालने में भी अक्षम है। वो बच्चा मेरा आखिरी अंश है. मेरे मां-बाप उसे बहुत नाज़ों से पालेंगे। लेकिन मुझे ज्यादा उम्मीद नहीं है कि इसकी कि मेरी पत्नी मेरे बच्चे को मेरे परिवार को देगी।
मैं अपने मां-बाप और भाई से कहना चाहता हूं कि बिना कैमरे के मेरी पत्नी से कहीं भी न मिलना। नहीं तो वो झूठे केस में फंसा सकती है। मेरे मरने के बाद मेरे मरे हुए शरीर के आसपास मेरे पत्नी या उसके परिवार से कोई नहीं आना चाहिए. मेरी अस्थियों का विसर्जन तब तक नहीं होना चाहिए जब तक मुझे परेशान करने वालों को सजा नहीं मिलती है। अगर इतने सारे सबूत और चीजें होने के बावजूद उन्हें सजा नहीं होती है तो ऐसे में मेरी अस्थियां कोर्ट के बाहर किसी गटर में बहा देना। ताकि मैं यह जान जाऊं कि भारत जैसे देश में क्या वैल्यू है एक ज़िंदगी की।
अतुल सुभाष ने मां-बाप से माफी मांगी
अतुल सुभाष ने कोर्ट से मेरी अपील है कि झूठे केसों में अब मेरे मां-बाप और भाई को प्रताड़ित न किया जाए। इसके बाद अतुल सुभाष ने कहा कि, अब मैं मुक्ति पाना चाहूंगा। मैं अपने मां-बाप से माफी मांगता हूं कि जिस उम्र में मुझे उनकी सेवा करनी चाहिए थी, उनका सहारा बनना था। उस उम्र में मैं उन्हें छोड़कर जा रहा हूं। इसके लिए मुझे माफ करना।