पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैस ने दक्षिण कोरिया में यूनेस्को फोरम में पंजाब के नए शिक्षा मॉडल की दी जानकारी
CM मान की अगुवाई वाली सरकार ने पारंपरिक शैक्षिक ढांचे से उभरकर नए शिक्षा सिद्धांतों को किया गया पेश- हरजोत बैंस
चंडीगढ 4 दिसंबर (विश्ववार्ता) जिओंगी डू: यूनेस्को द्वारा भविष्य की शिक्षा के बारे में दक्षिण कोरिया के जिओंगी डू शहर के सुवान कन्वेंशन सेंटर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पंजाब सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी उपायों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर हो रही चुनौतियों का हल शिक्षा के क्षेत्र में नवीन बदलावों के माध्यम से ही निकाला जा सकता है और हमारी सरकार इसी दिशा में काम कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान इक्_ को संबोधित करते हुए हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा एक बुनियादी ढांचा विकास मिशन शुरू किया गया है, जिसमें शैक्षिक वातावरण के निमार्ण को और मज़बूती प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें हजारों नए क्लासरूमों का निर्माण, स्कूल सुरक्षा के लिए चारदीवारी का निर्माण, विद्यार्थियों को बस सेवाएं प्रदान करना, स्कूलों में वाई-फाई लगाना और विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा गार्डों की तैनाती शामिल है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ये व्यापक उपाय एक सुरक्षित और तकनीकी शैक्षिक माहौल बनाने के लिए प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब की शैक्षिक रणनीति शिक्षकों के सशक्तीकरण और वैश्विक स्तर पर शिक्षा पर केंद्रित है। राज्य द्वारा शिक्षकों को प्रमुख वैश्विक संस्थानों में भेजते हुए विस्तृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। प्रिंसिपलों को सिंगापुर प्रिंसिपल अकादमी में प्रशिक्षण दिया गया है, जबकि एलीमेंट्री शिक्षकों को फिनलैंड के प्रसिद्ध शिक्षा मॉडल के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, जिसके जरिए पंजाब के स्कूलों में विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने की शुरुआत की गई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली सरकार ने पारंपरिक शैक्षिक ढांचे से उभरकर नए शिक्षा सिद्धांतों को पेश किया है। ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ पेशेवर शिक्षा पर केंद्रित हैं, जबकि ‘स्कूल ऑफ एप्लाइड लर्निंग’ कुशलताओं पर आधारित है और ‘स्कूल ऑफ हैपीनेस’ विशिष्ट बाल-मनौविज्ञान-आधारित शिक्षण पहुँच को दर्शाता है, जो नए युग की शिक्षा नीति के शैक्षिक अनुभवों के लिए तैयार किया गया है।
शिक्षा अकादमिक शिक्षा से परे है, इस बात पर जोर देते हुए बैंस ने एक गहरे दर्शन को व्यक्त किया, जिसमें शिक्षा से संबंधित वैश्विक चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और सामाजिक असमानताओं को हल करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का मिशन स्पष्ट है जो यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी बच्चा शिक्षा लेने के लिए वंचित न रहे और प्रत्येक बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुँच हो, जो उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करती है।
कैबिनेट मंत्री ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यूनेस्को फोरम के दौरान, उन्हें पंजाब की शैक्षिक खोजों को पेश करने के साथ-साथ राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक और दार्शनिक विरासत को साझा करने का सम्मान मिला, जो सीखने और सामाजिक विकास के लिए हमारी पहुँच को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने इस वैश्विक मंच पर श्री आनंदपुर साहिब, एक ऐसी जगह जो भाईचारे और विश्वव्यापी सद्भावना के गहरे सिद्धांतों का प्रतीक है, की ऐतिहासिक महत्ता को उजागर किया।