Punjab News: हरचंद सिंह बरसट को कौसांब का चेयरमैन किया नियुक्त
नेशनल काउंसिल आफ स्टेट एग्रीकल्चरल माक्रिटिंग बोर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर डा. जे.एस. यादव ने की घोषणा
पूरे भारत में मंडीकरण सिस्टम को अपग्रेड करके हर वर्ग के फायदे के लिये करेंगे कार्य – बरसट
चंडीगढ 1 दिसंबर (विश्ववार्ता) पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन स. हरचंद सिंह बरसट की ओर से पंजाब के मंडीकरण सिस्टम के लिए किए जा रहे मिसाल योग्य कार्यों के चलते उन्हें नेशनल काउंसिल ऑफ स्टेट एग्रीकल्चरल मार्किटिंग बोर्ड (कौसांब), नई दिल्ली का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इसकी घोषणा आज कौसांब के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. जे. एस. यादव की ओर से किसान भवन में आयोजित समारोह के दौरान की गई। स. हरचंद सिंह बरसट कौसांब के 21वें चेयरमैन बने हैं। इस दौरान श्री आदित्य देवीलाल चौटाला, विधायक डबवाली, हरियाणा और पूर्व चेयरमैन कौसांब की ओर से स. हरचंद सिंह बरसट को रस्मी तौर पर कौसांब की बागडोर सौंपी गई। इस मौके पर स. बरसट ने डॉ. जे. एस. यादव समेत कौसांब के सभी अधिकारियों का धन्यवाद किया और भरोसा दिलाया कि जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है, वे पूरी लगन से निभाएंगे।
स. बरसट ने कहा कि किसान विभिन्न प्रकार की फसलों की पैदावार करके सभी का पेट भरते हैं, इसलिए उन्हें अन्नदाता कहा जाता है। किसानों द्वारा विभिन्न प्रकार की सब्जियां, फल और अनाज की पैदावार की जाती है। किसान की उपज से लेकर फसल के मंडी में आने और उपभोक्ता के घर तक पहुंचाने का काम साफ तरीके से होना बहुत जरूरी है। आज सभी के खाने-पीने का ढंग बदल रहा है, इसलिए आधुनिकीकरण की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज पूरे भारत के मंडी सिस्टम को एक माला में पिरोना जरूरी है और हम भारत में मंडीकरण सिस्टम को अपग्रेड करके अच्छे तरीके से चलाएंगे, तांकि किसानों, आढ़तियों, मजदूरों, व्यापारियों सहित सभी वर्गों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में मंडी सिस्टम को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से इम्प्रूव करके लोगों के भले के लिए कार्य करने के लिये नए प्रयास किए जाएंगे, इसके लिए हम सभी एकजुट होकर काम करेंगे, तांकि इसका हर वर्ग को लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के बेहतर मंडीकरण के लिए आज के समय में राज्यों का आपसी तालमेल जरूरी है। क्योंकि कई कृषि उत्पाद ऐसे हैं, जो एक राज्य में बहुत मात्रा में पैदा होते हैं, जबकि दूसरे राज्यों में ना मात्र होते हैं। जैसे कि पंजाब का किन्नू, आलू, मटर आदि देश के विभिन्न राज्यों में जाते हैं। इसलिए अन्य राज्यों में इन उत्पादों के अधिक मूल्य प्राप्त हो सकते हैं। कौसांब की ओर से ऐसे उपाय किए जाएंगे कि विभिन्न राज्यों में ऐसा सिस्टम विकसित किया जाए, जिससे पंजाब का किसान सीधे तौर पर अन्य राज्यों में अपनी फसल बेच सके। इसके साथ ही आर्गेनिक उत्पादों के मंडीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि खेती के लिए कम हो रही जमीन और गिरता जलस्तर चिंता का विषय है। कौसांब के साथ मिलकर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने और जलस्तर को ठीक रखने के संबंध में कार्य किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पंजाब मंडी बोर्ड की ओर से राज्य में खेतीबाड़ी उत्पादों की खरीद/बिक्री को रेगूलेट किया जाता है और खेतीबाड़ी का आधुनिक मंडीकरण सिस्टम तैयार किया गया है, जिसमें 156 मार्केट कमेटियों के अधीन लगभग 1900 पक्की मंडियां हैं और सीजन के दौरान किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लगभग 2000 टेंपरेरी खरीद केंद्र भी खोले जाते हैं, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए दूर न जाना पड़े। किसानों की उपज सही तरीके से मंडियों में पहुंचे, इसके लिए मंडी बोर्ड द्वारा लगभग 64000 किलोमीटर लंबाई की सड़कें राज्य में स्थापित हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य दिलाने के लिए मंडियों में खुली बोली करवाई जाती है। किसानों को उनकी फसलों का भुगतान भी सीधे उनके बैंक खातों में ही किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आज मंडियों के विकास और किसानों की भलाई के लिए पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। पंजाब की मार्किट कमेटियों, फील्ड दफ्तरों और मंडियों के कवर शेडों पर सोलर सिस्टम लगाने की शुरुआत, मंडियों में एटीएमज की स्थापना, मंडियों के कवर शेडों को ऑफ-सीजन में विवाह और अन्य गतिविधियों के लिए बहुत कम रेट पर उपलब्ध करवाना, बच्चों के विकास के लिए ऑफ-सीजन के दौरान मंडियों के कवर शेडों को इनडोर गेम्स के लिए उपलब्ध करवाना, किसान भवन के माध्यम से पिछले एक साल में लगभग 4 करोड़ 13 लाख रुपये की आमदन और…