Punjab News”: Harsimrat kaur Badal ने संसद सत्र की पूर्व संध्या पर सर्वदलीय मीटिंग में किसानों और पंजाब के लिए न्याय सुनिश्चित करने की मांग की
कहा कि किसानों को धान पर एम.एस.पी नही दिया गया और वे डीएवी उर्वरक की भारी कमी का सामना कर रहे
कहा कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ में अलग विधानसभा के लिए हरियाणा को जमीन आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कमजोर कर रही
चंडीगढ,25 नवंबर (विश्ववार्ता) : शिरोमणी अकाली दल की वरिष्ठ नेता बीबा हरसिमरत कौर बादल ने आज पंजाब के किसानों के साथ न्याय सुनिश्चित करने की अपील की, जिन्हें धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से वंचित किया जा रहा है और डीएपी उर्वरक की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा तथाएक अलग विधानसभा के निर्माण के लिए हरियाणा को केंद्र शासित प्रदेश में जमीन आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर पंजाबियों का चंडीगढ़ पर अधिकार को ओर कम कर दिया गया है।
संसद के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर सर्वदलीय मीटिंग में भाग लेते हुए बीबा बादल ने कहा कि राज्य में किसानों की दुर्दशा के लिए केंद्र और आम आदमी पार्टी दोनों सरकारें जिम्मेदार हैं। उन्होने कहा,‘‘ हमारे किसानों को कम कीमत पर अपनी फसल बेचनी पड़ी क्योंकि उन्हे धान की फसल में नमी की मात्रा के कारण मंडियों में बहुत ज्यादा परेशान किया जा रहा है। सिर्फ इतना ही नही किसानों को डीएपी उर्वरक की आपूर्ति से भी वंचित किया जा रहा है और केंद्र सरकार ने पंजाब को खाद के आवंटन में 1.28 लाख टन तक की कटौती की है।’’ उन्होने कहा कि पंजाब के किसानों को धान की अगेती फसल के नकली बीज की बिक्री के कारण भी नुकसान उठाना पड़ा है, क्योंकि आप सरकार नकली डीएपी उर्वरक की बिक्री को रोकने में नाकाम रही है। उन्होने यह भी बताया कि कैसे पंजाब के शेलर मालिक शिकायत कर रहे हैं कि पिछले साल की धान के स्टाॅक को को भी राज्य से बाहर नही भेजा गया और विभिनन राज्य सरकारें तुच्छ आधार पर पंजाब से उन्हे भेजे गए चावल को अस्वीकार कर रही हैं। सांसद ने केंद्र को यह भी याद दिलाया कि उन्होने किसान आंदोलन को हटाए जाने के दौरान एमएसपी कमेटी के गठन का वादा किया गया था, लेकिन किसान संगठनों की संतुष्टि के लिए अभी तक इसका गठन किया जाना बाकी है।
बठिंडा सांसद ने हरियाणा द्वारा अलग विधानसभा के निर्माण के लिए हरियाणा में जमीन के आवंटन पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होने कहा कि यह पंजाब पुनर्गठन अधिनियम का उल्लंघन है, जबकि उन्होने जोर देकर कहा कि राज्य की सीमाओं को अकेले संसद द्वारा ही संशोधित किया जा सकता है। उन्होने जोर देकर कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का अभिन्न अंग है और इसे तत्काल राज्य को सौंप दिया जाना चाहिए, उन्होने केंद्र शासित प्रदेश में हरियाणा को जमीन के आवंटन पर रोक लगाने का आग्रह किया। बीबा बादल ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में लोकतांत्रिक ढ़ंग से कामकाज में रूकावट का जिक्र करते हएु कहा कि सरकार यूनिवर्सिटी की सीनेट के चुनाव नही करवा रही है तथा इसे खत्म करना चाहती है। उन्होने जोर देकर कहा कि अकाली दल प्रस्ताव का पुरजोर विरोध करेगा और सीनेट का चुनाव तत्काल कराने की मांग की है।
वरिष्ठ अकाली नेता ने सिख बंदियों की रिहाई में हो रही देरी पर भी दुख जताया। उन्होने कहा कि भले ही केंद्र सरकार ने 2019 में श्री गुरु नानक देव जी की 550वें प्रकाश पर्व पर सभी बंदी सिंहों को रिहा करने की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन अभी तक वह वादा पूरा नही किया गया है। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार ने बलंवत सिंह राजोआणा की दया याचिका पर पिछले बारह सालों से कोई फैसला न लेकर उन्हे पैरोल पर रिहा करने से इंकार कर रही है।
बीबा बादल ने पंजाब सरकार से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,आयुष्मान भारत और ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) जैसे सभी फंड जारी करने की मांग की है। उन्होने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे द्वारा अधिग्रहित की जारी जमीन के लिए उचित मुआवजा देने पर भी जोर डाला और उचित मुआवजे के अपने अधिकार के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों पर अत्याचार करने के लिए आप सरकार की निंदा की है।