<h2><img class="alignnone size-medium wp-image-14103" src="https://wishavwarta.in/hindi/wp-content/uploads/2024/09/dar-300x150.jpg" alt="" width="300" height="150" /></h2> <h2><strong>🙏🌹 हुकमनामा श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर 🙏🌹</strong></h2> <h2><strong>🙏🌹 Hukamnama shri harimandir sahib ji 🙏🌹</strong></h2> <h3><span style="color: #800080;"><strong>AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRITSAR, ANG 686, 21-NOV.-2024</strong></span></h3> <h3></h3> <h3><span style="color: #800080;"><strong>धनासरी महला ५ घरु ६ असटपदी ॥ </strong></span> <span style="color: #800080;"><strong>जो जो जूनी आइओ तिह तिह उरझाइओ माणस जनमु संजोगि पाइआ ॥ ताकी है ओट साध राखहु दे करि हाथ करि किरपा मेलहु हरि राइआ ॥१॥ अनिक जनम भ्रमि थिति नही पाई ॥ करउ सेवा गुर लागउ चरन गोविंद जी का मारगु देहु जी बताई ॥१॥ रहाउ ॥ अनिक उपाव करउ माइआ कउ बचिति धरउ मेरी मेरी करत सद ही विहावै ॥ कोई ऐसो रे भेटै संतु मेरी लाहै सगल चिंत ठाकुर सिउ मेरा रंगु लावै ॥२॥ पड़े रे सगल बेद नह चूकै मन भेद इकु खिनु न धीरहि मेरे घर के पंचा ॥ कोई ऐसो रे भगतु जु माइआ ते रहतु इकु अंम्रित नामु मेरै रिदै सिंचा ॥३॥</strong></span></h3> <h3><span style="color: #800080;"><strong>ਅਰਥ:- ਹੇ ਸਤਿਗੁਰੂ! ਅਨੇਕਾਂ ਜੂਨਾਂ ਵਿਚ ਭਟਕ ਭਟਕ ਕੇ (ਜੂਨਾਂ ਤੋਂ ਬਚਣ ਦਾ ਹੋਰ ਕੋਈ) ਟਿਕਾਉ ਨਹੀਂ ਲੱਭਾ। ਹੁਣ ਮੈਂ ਤੇਰੀ ਚਰਨੀਂ ਆ ਪਿਆ </strong></span> <span style="color: #800080;"><strong>अर्थ :-हे सतिगुरु ! अनेकों जूनों में भटक भटक के (जूनाँ से बचण का ओर कोई) टिकाउ नहीं खोजा। अब मैं तेरी चरणी आ पड़ा हूँ, मैं तेरी ही सेवा करता हूँ, मुझे परमात्मा (के मिलाप) का मार्ग बता के।1।रहाउ। हे गुरु ! जो जो जीव (जिस किसी) जून में आया है, वह उस (जून) में ही (माया के मोह में) फँस रहा है। मनुखा जन्म (किसी ने) किस्मत के साथ प्राप्त किया है। हे गुरु ! मैं तो तेरा सहारा देखा है। आपने हाथ दे के (मुझे माया के मोह से) बचा ले। कृपा कर के मुझे भगवान-पातिशांस के साथ मिला के।1। हे भाई ! मैं (नित्य) माया की खातिर (ही) अनेकों हीले करता रहता हूँ, मैं (माया को ही) उचेचे तौर पर आपने मन में टिकाई रखता हूँ, सदा ‘मेरी माया,मेरी माया’ करते हुए ही (मेरी उम्र बीतती) जा रही है। (अब मेरा जी करता है कि) मुझे कोई ऐसासंत मिल पए, जो (मेरे अंदर माया वाली) सारी सोच दूर कर दे, और, भगवान के साथ मेरा प्यार बना दे।2। हे भाई ! सारे वेद पढ़ देखे हैं, (इन के पड़ने से भगवान के साथ से) मन की दूरी नहीं मुकभी, (वेद आदिक के पड़ने से) ज्ञान-इंद्रे एक छिन के लिए भी शांत नहीं होतेे। हे भाई ! कोई ऐसाभगत (मिल पए) जो (आप) माया से निरलेप हो, (वही भक्त) मेरे हृदय में आत्मिक जीवन देने वाला नाम-जल सिंज सकता है।3।</strong></span></h3> <h3><span style="color: #800080;"><strong>( Waheguru Ji Ka Khalsa, Waheguru Ji Ki Fateh. )</strong></span></h3> <h3><span style="color: #800080;"><strong>ਗੱਜ-ਵੱਜ ਕੇ ਫਤਹਿ ਬੁਲਾਓ ਜੀ !</strong></span> <span style="color: #800080;"><strong>ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਾ ਖਾਲਸਾ !!</strong></span> <span style="color: #800080;"><strong>ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਹਿ !!</strong></span></h3>