कोविशील्ड वैक्सीन से हो सकता है हार्ट अटैक
क्या वैक्सीन से हो रही है ब्लड क्लॉटिंग ?
वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने ब्रिटिश कोर्ट में साइड इफेक्ट्स की बात कबूली
चंडीगढ, 30 अप्रैल (विश्ववार्ता)कोरोना की कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने साइड इफेक्ट्स की बात कबूल की है। AstraZeneca ने ब्रिटिश कोर्ट में पहली बार स्वीकार किया है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। एस्ट्राजेनेका ने कबूल किया कि कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इस कोरोना वैक्सीन से हार्ट अटैक-ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा हो सकता है। यह खबर भारत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां कोविड-19 के प्रसार के दौरान बड़े पैमाने पर ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका की इसी वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल किया गया था।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड, रेयर केसों इस स्थिति को जन्म दे सकता है. यह टीका कोविड-19 महामारी के दौरान पूरे भारत में बड़े पैमाने पर लगाया गया था।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ थ्रोम्बोसिस एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें शरीर में असामान्य स्थानों पर रक्त के थक्के बन जाते हैं और रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है। प्लेटलेट्स छोटी कोशिकाएं होती हैं, जो रक्त को जमने में मदद करती हैं, इसलिए इनका बहुत कम होना खतरनाक हो सकता है. यह स्थिति उन लोगों में देखी गई, जिन्हें वैक्सजेवरिया, कोविशील्ड (एस्ट्राजेनेका) और जॉनसन एंड जॉनसन/जानसेन कोविड-19 वैक्सीन जैसे एडेनोवायरल वेक्टर कोविड-19 वैक्सीन दी गई थी. टीटीएस इसलिए होता है, क्योंकि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी बनाकर टीके के प्रति प्रतिक्रिया करती है, जो रक्त के थक्के जमने में शामिल प्रोटीन पर हमला करती है।