Chhath Puja 2024: आस्था का महापर्व छठ कब होगा शुरू
छठ पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन नहाय-खाय से होता है शुरू
चंडीगढ़, 3 नवंबर (विश्ववार्ता) लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का आरंभ मंगलवार 5 नवंबर 2024 से हो रहा है। छठ पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन नहाय-खाय से शुरू होता है, इसके पश्चात पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और सप्तमी को उगते हुए सूर्य को जल अर्पित कर व्रत को पूरा किया जाता है। चार दिन चलने वाले इस महापर्व में सूर्यदेव और छठी मैय्या की पूजा की जाती है।
चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन पूरे बिहार में कद्दू-भात खाने की परंपरा है। इस दौरान सबसे पहले छठ व्रती भगवान सूर्य का स्मरण कर भोग लगाते हैं, इसके बाद ही अन्य लोग इसका सेवन करते हैं। पहले दिन छठ व्रती बड़ी संख्या में गंगा स्नान कर इस व्रत का शुभारंभ करते है। इस दौरान मिट्टी के बरतन और चूल्हे का बड़ा महत्व होता है। गेहूं धोकर पूरी पवित्रता के साथ उसे सुखाया जाता है, फिर जाते में उस गेहूं को पीसा जाता है। उसी आटे का पकवान बनाकर भगवान सूर्य को अर्पित किया जाता है। छठ पूजा में व्रती महिलाओं को पानी में खड़ा होकर ही सूर्यदेव को अर्घ्य देना होता है। छठ पर्व में सूर्यदेव के साथ ही छठी मईया की पूजा की जाती है।
सनातन मान्यता है कि छठ का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है। ऐसा विश्वास है कि सच्चे मन से छठ पूजा करने से जो भी मनोकामना होती है, वो छठी मैया जरूर पूरा करती हैं। यह व्रत संतान और सुहाग की दीर्घायु, घर की सुख-समृद्धि व उन्नति के लिए रखा जाता है।
पंचांग के अनुसार इस साल नहाय-खाय मंगलवार 5 नवंबर के दिन होगा। नहाय खाय कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थि तिथि पर किया जाता है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान और ध्यान के बाद सूर्य देव की पूजा करती हैं।
वहीं कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन खरना मनाया जाता है। खरना के दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और छठी मैया की पूजा में लीन रहती हैं। इस साल खरना बुधवार 6 नवंबर को मनाया जाएगा।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि गुरुवार 7 नवंबर की देररात 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 8 नवंबर की देररात 12 बजकर 34 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में गुरुवार 7 नवंबर के दिन ही संध्याकाल का अर्घ्य दिया जाएगा और सुबह का अर्घ्य अगले दिन शुक्रवार 8 नवंबर को दिया जाएगा।