गब्बर नाम से मशहूर Anil Vij पॉवर मे आते ही दिखे एक्शन मोड मे
अधिकारियों की आते ही लगाई क्लास
चंडीगढ़, 19 अक्टूबर ( विश्ववार्ता) हरियाणा सरकार मे गब्बर नाम से मशहूर अनिल विज आज जब मंत्री रूप मे कार्यभार संभाला तो पूरे एक्शन मोड मे दिखाई दिये।बतां दे कि : हरियाणा की नई सरकार गठित हो गई है। शपथ ग्रहण के बाद सीएम समेत सभी मंत्रियों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। वहीं इस बीच सीएम सैनी के बाद सरकार में सबसे ताकतवर माने जा रहे कैबिनेट मंत्री अनिल विज काफी सुर्खियों में हैं। खोई हुई पावर मिलते ही अनिल विज एक बार अपने वही पुराने अंदाज और तेवर में लौट आए हैं। एक बार फिर ‘गब्बर’ की वही दहाड़ सुनाई देने लगी है।
दरअसल, बीते वीरवार को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद अनिल विज ने अंबाला में जिले के सभी अधिकारियों की मीटिंग शाम को बुलाई थी। लेकिन जब विज ने मीटिंग शुरू की तो इस दौरान मीटिंग में एडीसी और एसडीएम के अलावा इक्का-दुक्का अधिकारी ही दिखाई दिए। जिसके बाद विज को गुस्सा फूट पड़ा और एक्शन में आते हुए मीटिंग को तत्काल कैंसिल कर आए हुए सभी अधिकारियों को वापस जाने का आदेश दे दिया।
विज बोले- बाए ऑफिसर्स, प्लीज लीव द रूम
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि, अधिकारियों ने प्रोटोकाल का पालन नहीं किया। जब मौके पर मौजूद अधिकारियों ने सफाई देनी चाही तो अनिल विज और ज्यादा भडक़ उठे। विज ने कहा कि, मीटिंग में कौन-कौन से अधिकारी आए हैं। मुझे उनकी शक्लें देख लेने दो। इसके बाद जब एडीसी अपराजिता ने मीटिंग में पहुंचे अधिकारियों की जानकारी देनी शुरू की तो विज ने कहा कि, जिले के बाकी वरिष्ठ अधिकारी कहां हैं?
अनिल विज ने कहा कि 2 बजे ही सभी अधिकारियों को मीटिंग की जानकारी दे दी गई थी। सभी को मैसेज भेज दिया गया था, लेकिन 6 बजे तक भी अधिकारी यहां नहीं पहुंच सके, यानि 4 घंटे में बाद भी अधिकारी नहीं आ पाये। विज ने कहा कि मैं पता करूंगा कि अधिकारी क्यों नहीं आए, जबकि सभी अधिकारियों को आना चाहिए था। बता दें कि, लोगों में ‘गब्बर’ के नाम से मशहूर अनिल विज कैबिनेट मंत्री बनने के बाद जब अंबाला कैंट पहुंचे तो यहां पर कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।
अंबाला कैंट से अब सातवीं बार विधायक बने विज
अनिल विज अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक बने हैं। विज ने निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा को 7,277 वोटों से हराया। विज ने अंबाला कैंट से सबसे पहला विधानसभा चुनाव साल 1991 में लड़ा था और जीत हासिल की थी। उस समय यह सीट सुषमा स्वराज के राज्यसभा जाने से खाली हुई थी। अंबाला कैंट से विज निर्देलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं।
वहीं 1996 और 2000 में, उन्होंने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और दोनों बार जीत दर्ज की। हालांकि, विज 2005 का चुनाव हार गए। इसके बाद वह 2009 में फिर से अंबाला कैंट से विधायक के रूप में चुने गए। वहीं 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भी अनिल विज ने अंबाला कैंट से जीत दर्ज की।