गले मे थायराइड की समस्या से परेशान है तो अपनाएं ये योग आसन
एक्सपट्र्स ने दी सलाह, जानिये क्या है थायराइड रोग ?
चंडीगढ, 24 अप्रैल (विश्ववार्ता): आपकी थायरॉयड ग्रंथि अपने द्वारा उत्पादित हार्मोन के माध्यम से आपके शरीर में लगभग सभी चयापचय प्रक्रियाओं को प्रभावित करती है। आपकी थायरॉयड ग्रंथि आपके अंत:स्रावी तंत्र का हिस्सा है। जब हमारा थायरॉइड या तो बहुत अधिक या बहुत कम महत्वपूर्ण हार्मोन बनाता है, तो इसे थायरॉयड रोग कहा जाता है।
थायरॉइड रोग और विकार छोटे, हानिरहित गण्डमाला (बड़ी ग्रंथि) से लेकर, जिसके लिए उपचार की आवश्यकता नहीं होती, जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाले कैंसर तक हो सकते हैं। सबसे आम थायराइड समस्याओं में थायराइड हार्मोन का असामान्य उत्पादन शामिल है। बहुत अधिक थायराइड हार्मोन के परिणामस्वरूप हाइपरथायरायडिज्म नामक स्थिति होती है, जबकि अपर्याप्त हार्मोन उत्पादन से हाइपोथायरायडिज्म होता है। यद्यपि प्रभाव अप्रिय या असुविधाजनक हो सकते हैं, यदि उचित निदान और उपचार किया जाए तो अधिकांश थायरॉयड समस्याओं को अच्छी तरह से प्रबंधित किया जा सकता है।
गले में होती है थायरॉइड बीमारी की जड़:
थायरॉइड बीमारी में ग्रंथि कम या ज्यादा हॉर्मोन का उत्पादन करने लगती है। थायरॉइड ग्रंथि आपकी गर्दन के आगे वाले हिस्से में मौजूद होती है। अगर इसे नियंत्रित कर लिया जाए, तो इस बीमारी की जड़ खत्म हो जाती है। योगा इंस्ट्रक्टर ने ऐसे योगासन बताए हैं, जो इस जड़ पर सीधा प्रहार करते हैं।
ताड़ासन:
खड़े होकर दोनों पंजों, एडिय़ों और घुटनों को साथ में मिला लें। कंधे पीछे की तरफ खींच लें, कमर सीधी और सिर गर्दन के ठीक ऊपर रखें। दोनों हाथों को उनकी तर्फ जांघों से मिलाकर रखें। सांस भरते हुए सिर को जितना हो सके पीछे की तरफ ले जाएं। एक सेकेंड रुककर सांस छोड़ते हुए ठुड्डी को छाती की तरफ लाएं। दांतों को भींचकर और कमर को सीधा रखें। ऐसा 10 बार करें और अंत में सिर को बिल्कुल गर्दन के ऊपर रखें।
अर्धचक्रासन:
ताड़ासन की स्थिति में खड़े हो जाएं या फिर पैरों में थोड़ा सा गैप ले आएं। सांस भरें और फिर छोड़ते हुए हाथों को कमर पर इस तरह रखें कि अंगूठे पीछे और उंगलियां आगे की तर्फ आएं। अब कोहनियों को पीछे की तरफ ले जाएं। फिर दांत जोडक़र सांस भरें और कमर को पीछे की तरफ ले जाएं। जितना संभव हो कमर को पीछे मोड़ें और 5 सांस लें। अब सांस भरते हुए वापिस सीधे हो जाएं और आराम करें।
हलासन:
हलासन के लिए जमीन पर कमर के बल लेट जाएं और हाथों को जांघ के पास जमीन पर रखें। दोनों पंजों को आसमान की तरफ रखें और सांस भरते हुए दोनों पैरों को एक साथ 90 डिग्री पर उठाएं। फिर से सांस भरते हुए ही पैरों को बिल्कुल सिर के ऊपर ले जाएं। जरूरत पडऩे पर हाथों से कूल्हों को सपोर्ट दे सकते हैं, मगर कोशिश करें कि इसकी जरूरत ना पड़े। अब सांस छोड़ते हुए दोनों पंजों को सिर के ऊपर जमीन पर लगाने की कोशिश करते रहें। घुटने सीधे रखें और कुछ सांस लें। वापिस आने के लिए हाथों से जमीन पर सपोर्ट लें और सांस भरते हुए धीरे-धीरे पैरों को नॉर्मल करें।