लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी
केंद्र सरकार आज लोकसभा में वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक पेश करेगी
चंडीगढ, 8 अगस्त (विश्ववार्ता) केंद्र सरकार गुरुवार को लोकसभा में वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक पेश करने करेगी। कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी (एससीपी), समाजवादी पार्टी और डीएमके सहित विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने संशोधित बिल में 40 बदलावों को शामिल किया है। इनमें कमेटी में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना प्रमुख है। दूसरी ओर, मुस्लिम संगठनों ने इसे शरियत के साथ छेड़छाड़ की कोशिश करार दिया है। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी इसे लेकर खुलकर सरकार पर हमले बोल रहे हैं।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारालोकसभा में पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सरकार ने वक्फ संपत्ति (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली), विधेयक, 2014 को वापस लेने का फैसला किया है, जिसे फरवरी 2014 में राज्यसभा में पेश किया गया था, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी।
वक्फ संपत्ति (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली), विधेयक, 2014 गुरुवार को राज्यसभा से वापस लिए जाने के लिए सूचीबद्ध है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को पेश करने के अलावा, रिजिजू मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी पेश करेंगे, जो मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को निरस्त करने का प्रयास करता है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, वक्फ अधिनियम, वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करने का प्रावधान करता है।
इसमें स्पष्ट रूप से “वक्फ” को किसी भी व्यक्ति द्वारा कम से कम पांच साल तक इस्लाम का पालन करने और ऐसी संपत्ति का स्वामित्व रखने के रूप में परिभाषित करने और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि वक्फ-अल-औलाद के निर्माण से महिलाओं को विरासत के अधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा।