स्वास्थ्य के लिए ‘टॉनिक’ है घी, डाइट में घी शामिल करते वक्त जरूर रखें इन बातों का ध्यान
क्या कहते हैं पोषण विशेषज्ञ
चंडीगढ, 20 जुलाई (विश्ववार्ता): सेहत की देखभाल और अच्छी जीवनशैली को बरकरार रखने के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहद महत्वपूर्ण होता है। शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतरीन बनाए रखने के लिए हमारे शरीर को कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। भारतीय खाने में मसालों और स्वाद के साथ-साथ पोषण भी काफी होता है। चरक संहिता में माना गया है कि शुद्ध देसी घी स्मृति, मेधा, उर्जा, बलवीर्य बढ़ाता है तथा कफ और वसा वर्धक होता है. साथ ही यह वात,पित्त, बुखार और शरीर के विषैले पदार्थों का नाश करता है. इसलिए आयुर्वेद में शुद्ध घी को औषधि (रसायन) माना जाता है. आयुर्वेद में सिर्फ रसायन के रूप में ही नही बल्कि देसी घी के बाहरी उपयोग को भी कई प्रकार के उपचारों में शामिल किया जाता है.
आयुर्वेद में औषधि है घी
मुंबई की आयुर्वेदाचार्य डॉ मनीषा काले बताती है कि आयुर्वेद में माना जाता है कि घी एक ऐसी औषधि है जिससे वात और पित्त शांत होते हैं तथा कफ संतुलित होता है. इसलिए इसे सर्व दोषों के निवारण के लिए आदर्श माना जाता है. इसे सिर्फ खाने वाली औषधि के रूप में ही नही बल्कि इसके बाह्य उपयोग को भी आयुर्वेद में पंचकर्म सहित विभिन्न अपचारों में शामिल किया जाता है.
डॉ मनीषा बताती हैं कि आयुर्वेद में सुबह खाली पेट शुद्ध देसी गाय के घी का सेवन करने की सलाह दी जाती है. क्योंकि इससे शरीर की लगभग सभी समस्याओं को दूर करने, पाचन तंत्र, तंत्रिका तंत्र तथा हड्डी तंत्र को स्वस्थ रखने तथा बालों व त्वचा का सौंदर्य बनाए रखने में मदद मिलती है. यही नही आयुर्वेद में इसे ब्रेन टॉनिक की संज्ञा भी दी जाती हैं. माना जाता है कि घी का नियमित सेवन याददाश्त को बेहतर बनाता है और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी अन्य समस्याओं में आराम भी दिलाता है. सिर में इसकी मालिश से भी चिंता, गुस्सा, तनाव तथा बेचैनी आदि व्यावहारिक व मानसिक अवस्थाओं थोड़ी राहत मिलती है. घी में हीलिंग तत्व भी होते हैं जो घाव तथा बवासीर सहित कई समस्याओं में राहत दिलाते हैं हैं.
क्या कहते हैं पोषण विशेषज्ञ
इंदौर की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ संगीता मालू बताती हैं कि सही मात्रा में नियमित रूप से शुद्ध देसी घी का सेवन शरीर को फायदा पहुंचाता है. वह बताती है कि प्रतिदिन दो से तीन चम्मच घी का सेवन करना हमारी सेहत के लिए अच्छा होता है. लेकिन इससे ज्यादा घी विशिष्ट परिस्थितियों में या किसी प्रकार की समस्या या रोग से ग्रस्त व्यक्तियों के शरीर पर विपरीत प्रभाव भी दिखा सकता है.
गौरतलब है कि कि देसी घी में कैल्शियम, फास्फोरस, मिनरल्स, पोटैशियम, मिल्क प्रोटीन, विटामिन ए, के, ई, डी सहित ओमेगा 3 तथा ओमेगा 9 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व तथा एंटीऑक्सीडेंट व एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ उन्हें कई प्रकार के संक्रमण से बचाने में भी मदद कर सकते हैं.
हमारे विशेषज्ञों के अनुसार देशी घी के नियंत्रित मात्रा में सेवन से कई तरह के फायदे हो सकते हैं . जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।