हाथरस भगदड़ कांड को लेकर पहली बार पुलिस-प्रशासन के अफसरों पर हुआ बड़ा एक्शन
1 लाख का इनामी सत्संग का मुख्य आयोजक अरेस्ट
चंडीगढ 10 जुलाई (विश्ववार्ता) हाथरस भगदड़ कांड को लेकर कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब पहली बार पुलिस-प्रशासन के अफसरों पर बड़ा एक्शन हुआ है। भगदड़ कांड पर जांच समिति की रिपोर्ट मिलने पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबंधित SDM, CO, इंस्पेक्टर और तहसीलदार समेत 6 अफसर सस्पेंड कर दिए हैं। बताया जाता है कि, जांच समिति ने सरकार को अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट सबमिट की है।
इस रिपोर्ट में मुख्यता सत्संग के मुख्य आयोजक और आयोजन कमेटी को जिम्मेदार माना गया है। इसके साथ ही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अफसरों पर सवाल उठाते हुए उनकी जवाबदेही तय की है। एसआईटी का मानना है कि, सत्संग कार्यक्रम के लिए संज्ञानित अफसरों ने कार्यक्रम को उस तरह से गंभीरता से नहीं लिया। जैसे उन्हें लेना चाहिए थे। इसके साथ ही उनके द्वारा अपने ऊपर वरिष्ठ अफसरों को भी समुचित जानकारी नहीं दी गई।
एसआईटी का मानना है कि, जहां सत्संग कार्यक्रम के मुख्य आयोजक और आयोजन कमेटी ने सत्संग में शामिल होने वाली लोगों की भीड़ को लेकर इंतज़ामों को लेकर भारी लापरवाही दिखाई तो वहीं अफसरों ने भी इस भारी लापरवाही को नजरंदाज किया। एसआईटी का कहना है कि, सत्संग का आयोजन करने वाली कमेटी के द्वारा अनुमति से अधिक लोग बुलाये गए। जिसके चलते अव्यवस्था फैली। वहीं एसआईटी का यह भी कहना है कि, हाथरस भगदड़ कांड पर साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता। गहन जांच की जरूरत है।
बताते हैं कि, एसआईटी ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट में हाथरस भगदड़ कांड को लेकर पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ सत्संग में मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए। एसआईटी ने हाथरस के डीएम, एसपी से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ और दो जुलाई को सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान लिए।
2 जुलाई को भोले बाबा के सत्संग में मची थी भगदड़
हाथरस भगदड़ कांड ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। यहां 2 जुलाई को ‘नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा’ के सत्संग के दौरान ऐसी भगदड़ मची कि 121 लोग काल के गाल में समा गए। वहीं अभी कई लोग घायल हैं और जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। पीड़ितों के परिवारों में हाहाकार मचा हुआ है।
भगदड़ कांड के बाद से गायब बाबा नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ ने 6 जुलाई को पहली बार कैमरे के सामने आकर अपना बयान जारी किया था। ‘भोले बाबा’ ने 2 जुलाई को सत्संग के दौरान घटी भगदड़ की घटना से खुद को व्यथित और आहत बताया था। ‘भोले बाबा’ का कहना है कि, उन्हें विश्वास है कि उपद्रवियों को छोड़ा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि, भगदड़ कांड के बाद बाबा के कई भक्त उनके खिलाफ अपना गुस्सा उतारते हुए दिख रहे हैं। हालांकि, कई भक्त अभी भी बाबा के खिलाफ कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। बाबा के प्रति आस्था के उनके बयान अजब-गज़ब हैं।
हाथरस भगदड़ कांड के बाद से भोले बाबा को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। बाबा के ढोंग को लेकर खुलासे हो रहे हैं। कई तरह के पर्देफाश किए जा रहे हैं। जहां इसी बीच भोले बाबा के चर्चित वकील एपी सिंह का कहना है कि, बाबा किसी एयरपोर्ट या फिर दाढ़ी बढ़ाए हुए किसी होटल में नहीं मिलेंगे। जांच एजेंसी जब बुलाएगी तब बाबा सामने होंगे। हालांकि आपको बता दें कि, अब तक बाबा के खिलाफ न एफआईआर हुई है, न पूछताछ के लिए कोई नोटिस दिया गया है। सिर्फ सेवादारों और मुख्य आयोजक पर एफआईआर की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।
हाथरस में ‘भोले बाबा’ के सत्संग के मुख्य आयोजक की गिरफ्तारी हो गई है। पुलिस ने एफ़आईआर में नामजद मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार किया है। आयोजक पर पुलिस ने 1 लाख का इनाम रखा था। मुख्य आयोजक के अलावा कई लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इसमें बाबा के सेवादार शामिल हैं। वहीं गिरफ्तार होने वाले लोगों में महिलाएं भी हैं। वहीं अलीगढ़ आईजी ने कहा था कि, घटना को लेकर अगर जरूरत पड़ेगी तो बाबा से पूछताछ की जाएगी। अभी FIR के अंदर नारायण साकार उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं है.