हरियाणा सरकार द्वारा दिये गये आर्थिक व सामाजिक आधार पर अंकों को लेकर हाईकोर्ट ने कहा यह आरक्षण देने जैसा फैसला
ग्रुप-सी, डी की भर्ती में आर्थिक व सामाजिक आधार अंकों पर पुनर्विचार करेगा हाईकोर्ट
सभी पक्षों को किया नोटिस जारी
चंडीगढ, 25 जुलाई (विश्ववार्ता) पंजाब वह हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार द्वारा ग्रुप सी व डी के करीब 58,000 पदों के लिए आयोजित परीक्षा के परिणाम को रद्द करने, सामाजिक व आर्थिक आधार पर 5 अंकों का लाभ जोड़े बिना मेरिट सूची तैयार करने और नए सिरे से आवेदन मांगने के आदेश पर पुनर्विचार करेगा। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि यह एक प्रकार से आरक्षण देने जैसा है। जब आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तहत राज्य सरकार ने आरक्षण का लाभ दिया है तो क्यों यह आर्टिफिशियल श्रेणी बनाई जा रही है।
यह लाभ देने से पहले न तो कोई डाटा एकत्रित किया गया और न ही कोई आयोग बनाया गया। इस प्रकार पहले सीईटी में 5 अंकों का और फिर भर्ती परीक्षा में 2.5 अंकों का लाभ तो भर्ती का परिणाम पूरी तरह से बदल देगा। इन अंकों का लाभ देते हुए केवल पीपीपी धारकों को ही योग्य माना गया है जो संविधान के अनुसार सही नहीं है। नियुक्ति में किसी लाभ को राज्य के लोगों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है। एक बार अनुच्छेद 15 और 16 तथा नीति निर्देशक सिद्धांत पूरे भारत में लागू होते हैं।