हरियाणा सरकार के लिए ख़तरे की घंटी, हरियाणा सरपंच एसोसिएशन का बड़ा फैसला
इस तारिख तक सरकार के किसी भी कार्यक्रम में सरपंच नहीं जाएंगे और पूर्ण रूप से बहिष्कार रहेगा
चंडीगढ 11 जुलाई (विश्ववार्ता) हरियाणा के सरपंच एसोसिएशन की रोहतक में आयोजित हुई बैठक में बड़ा फैसला ले लिया गया है. बैठक की अध्यक्षता कर रहे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर गिल ने ऐलान कर दिया है कि 22 जुलाई तक सरकार के किसी भी कार्यक्रम में सरपंच नहीं जाएंगे और पूर्ण रूप से बहिष्कार रहेगा. अगर 22 जुलाई तक हरियाणा सरकार सरपंच एसोशिएशन को बुलाकर उनके अधिकारों के बारे में बात नहीं करती तो 25 जुलाई को हरियाणा सरपंच एसोसिएशन बड़े आंदोलन का ऐलान कर देगा. उन्होंने तो यहां तक चेतावनी दे डाली कि लोकसभा चुनाव में मौजूदा सरकार सरपंचों की एकता का परिणाम देख चुकी है और अब विधानसभा चुनाव में उसे इसका खामियाज़ा उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए.
सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर गिल ने कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरपंचों को बरगलाने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सरपंचों को कुछ पावर देने की घोषणा की, जो प्रदेश के सरपंचों को मंजूर नहीं है, क्योंकि उसमें बहुत सारी खामियां हैं. उन्होंने कहा कि सरपंचों ने अपना भत्ता और तनख्वाह बढ़ाने की कोई मांग नहीं की थी. उनकी मांग संविधान में जो पंचायती राज संस्थाओं को अधिकार दिए गए हैं, वे सभी अधिकार सरपंचों को दिए जाने चाहिए. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सरपंचों की काम करने की राशि 21 लाख रुपए तक बढ़ा दी, लेकिन साथ में 50% की बाउंडेशन भी लगा दी, जिसकी वजह से इस पावर का कोई औचित्य नहीं रह गया है. अगर हरियाणा सरकार गांव का विकास चाहती है तो सरपंच एसोसिएशन को बुलाकर बातचीत करें और जहां भी कोई कमियां है उस पर खुले तौर पर बात होनी चाहिए