“विश्व वार्ता” अपने पाठकों की विश्वसनीय, हर समय पर और सुझबुझ के साथ समाचार कवरेज प्रदान करने की प्रतिबद्धता के साथ सभी पंजाबियों की आवाज बनता हुआ पत्रकारिता के क्षेत्र में एक स्तंभ के रूप में खड़ा है।
विश्व वार्ता की स्थापना 1992 में पत्रकार देविंदरजीत सिंह दर्शी द्वारा एक साप्ताहिक समाचार पत्र के रूप में की गई थी। “विश्व वार्ता“पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए अपने पाठकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार अग्रसर हो रहा है। डिजिटल समाचार स्रोतों की बढ़ती मांग को पहचानते हुए, “विश्व वार्ता” ने डिजिटल क्षेत्र में कदम रखते हुए पिछले एक दशक से दुनिया भर से समाचार और अन्य जानकारी प्रदान करने के लिए खुद को विश्वसनीय स्रोत के रूप में स्थापित किया है। इसके साथ ही “विश्व वार्ता” ने हिंदी के क्षेत्र मे भी अपना मुकाम बनाया हुआ है। विश्ववार्ता अब हिंदी न्यूज बेवसार्ईट मे भी अग्रणीय मानी जाती है। “विश्व वार्ता” अब तीनों भाषाओं हिंदी, पंजाबी, इंगलिस मे भी बाखूबी सेवा निभा रहा है।
“विश्व वार्ता” को दुनिया की पहली ऑनलाइन पंजाबी समाचार एजेंसी होने का भी गौरव प्राप्त है।
आज “विश्व वार्ता” डिजिटल पत्रकारिता में भी आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाते हुए अनुभवी पत्रकारों और संपादकों की टीम के साथ राजनीति, मौजूदा मामले, संस्कृति, खेल, स्वास्थ्य, मनोरंजन और अन्य विषयों को कवर करता है और यकीनी बनाता है कि इसके पाठक दुनिया भर में होने वाली घटनाओं की तत्काल और प्रत्यक्ष जानकारी सबसे पहले प्राप्त कर सके। “विश्व वार्ता” इस पहलकदमी मे लगातार आगे बढता जा रहा है।
“विश्व वार्ता” वेबसाइट को सर्वश्रेष्ठ पंजाबी वेबसाइट के रूप में “पंजाबी मीडिया रत्न पुरस्कार” से भी सम्मानित किया गया है।
लेखांकन, वीडियो और मल्टीमीडिया सुविधाओं सहित अपनी विविध सामग्री के माध्यम से, अपने पाठकों के बीच गर्व और एकता की भावना पैदा करते हुए पंजाब और उसके लोगों की समृद्ध संस्कृति की सेवा करना जारी रखे हुए है।
“विश्व वार्ता” पंजाब सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त वेबसाइट है। “विश्व वार्ता” हमेशा तरक्की देने वाले सहयोगियों का और लगातार मिल रहे समर्थन का बार-बार धन्यवादी है और हम विश्वास दिलाते हैं कि “विश्व वार्ता” अपनी तटस्थ नीति बनाए रखेगा और समूची मानवता की सेवा को प्राथमिकता देगा।
HARBHAJAN SINGH ETO द्वारा उत्तरी राज्यों में पराली की समस्या के समाधान के लिए केंद्र से बायोमास पावर प्रोजेक्ट्स के लिए सब्सिडी की मांग
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