स्पीकर बनते ही बिरला ने इमरजेंसी की निंदा की: सदन में नारेबाजी
लोकसभा अध्यक्ष ने पढ़ा आपातकाल पर प्रस्ताव
विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में रखा गया मौन
चंडीगढ़, 26 जून (विश्ववार्ता) लोकसभा में अलग ही नजारा दिखा. एक तरफ ओम बिरला के फिर से लोकसभा स्पीकर बनने पर विपक्ष ने जहां स्वागत किया पक्ष और विपक्ष के सांसदों द्वारा बधाई मिलने के बाद लोकसभा स्पीकर ने अपने पहले संबोधन में आपातकाल की निंदा की। हालांकि, इस दौरान विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे। इस दौरान दो मिनट का मौन भी रखा गया।
ओम बिरला ने कहा कि ये सदन 1975 में देश में आपातकाल (इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया। भारत के इतिहास में 25 जून 1975 के उस दिन को हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा ’18वीं लोकसभा में स्पीकर का कार्यभार दूसरी बार संभालना अपने आप में रिकॉर्ड है। बलराम जाखड़ जी पहले ऐसे अध्यक्ष थे, जो लगातार दो बार अपना कार्यकाल पूरा कर पाए थे। उनके बाद अब आपको यह मौका मिल रहा है। ज्यादातर स्पीकर या तो चुनाव नहीं लड़े हैं या जीतकर नहीं आए हैं। आप समझ सकते हैं कि स्पीकर का काम कितना मुश्किल है कि उनका जीतना मुश्किल हो जाता है। आपने दोबारा जीतकर नया इतिहास गढ़ा है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘हम ये भी मानते हैं कि हमारी युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के इस काले अध्याय के बारे में जरूर जानना चाहिए। इमरजेंसी के दौरान, गैर-कानूनी गिरफ्तारियों और सरकारी प्रताड़ना के चलते अनगिनत लोगों को यातनाएं सहनी पड़ीं थीं, उनके परिवारवालों को असीमित कष्ट उठाना पड़ा था