सोनी के इस्तीफे को एक महीने तक छिपाकर क्यों रखा गया-मल्लिकार्जुन खड़गे
कहा-और क्या इतने सारे घोटालों और इस्तीफे के बीच कोई संबंध है ?
चंडीगढ, 21 जुलाई (विश्ववार्ता) कांग्रेस ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष मनोज सोनी के इस्तीफे के बाद शनिवार को दावा किया कि ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने व्यवस्था को दूषित किया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सोनी के इस्तीफे को एक महीने तक छिपाकर क्यों रखा गया और क्या इतने सारे घोटालों और इस्तीफे के बीच कोई संबंध है? पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल किया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के प्रमुख प्रदीप कुमार जोशी क्यों बचे हुए हैं? उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से लग रहा था कि यूपीएससी के मौजूदा विवाद को देखते हुए सोनी को बाहर किया जाएगा।
यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने ‘‘निजी कारणों’’ का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी हैं। सोनी का कार्यकाल मई 2029 में समाप्त होना था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर सरदार वल्लभभाई पटेल को उद्धृत करते हुए दावा किया, कि ‘भाजपा-आरएसएस व्यवस्थित रूप से भारत के संवैधानिक निकायों पर संस्थागत कब्जा करने में लगी हुई हैं, जिससे इन संस्थाओं की प्रतिष्ठा, शुचिता और स्वायत्तता को नुकसान पहुंच रहा है।’’ उन्होंने कहा कि यूपीएससी को परेशान करने वाले कई घोटाले राष्ट्रीय चिंता का कारण हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है, कि ‘प्रधानमंत्री मोदी और उनके कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री को सफाई देनी होगी। अयोग्य व्यक्तियों द्वारा फर्जी जाति और चिकित्सा प्रमाण पत्र बनाने के कई मामलों से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने फुलप्रूफ प्रणाली को धोखा दिया है।’’ उन्होंने दावा किया कि यह एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों सहित लाखों उम्मीदवारों की वास्तविक आकांक्षाओं का सीधा अपमान है, जो सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी में कड़ी मेहनत करते हैं, आधी रात को पसीना बहाते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, कि ‘यह परेशान करने वाली बात है कि कैसे यूपीएससी अध्यक्ष ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पांच साल पहले ही इस्तीफा दे दिया।’’ उन्होंने सवाल किया, कि ‘उनका इस्तीफा एक महीने तक गुप्त क्यों रखा गया? क्या इतने सारे घोटालों और इस्तीफे के बीच कोई संबंध है?’’ मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री के पसंदीदा व्यक्ति को गुजरात से लाया गया और पदोन्नत करके यूपीएससी का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने कहा, कि ‘इसकी उच्चतम स्तर पर गहन जांच की जानी चाहिए ताकि भविष्य में यूपीएससी में धोखाधड़ी के ऐसे मामले न हों।’’