सुप्रीम कोर्ट ने बदला पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के इस फैसले को
रोड से प्रदर्शनकारियों को हटाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
चंडीगढ, 5 मई (विश्ववार्ता) सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे चंडीगढ़-मोहाली मार्ग से प्रदर्शनकारियों को हटाएं। जस्टिस बीआर गवई, सतीश चंद्र शर्मा और संदीप मेहता की पीठ ने पंजाब सरकार की याचिका पर नोटिस जारी कर एक गैर सरकारी संगठन, केंद्र सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन सहित अन्य से जवाब मांगा।
पंजाब सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर कार्रवाई करते हुए, न्यायमूर्ति बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने शुक्रवार को अराइव सेफ सोसाइटी को भी नोटिस जारी किया जो एक गैर सरकारी संगठन है और जो उच्च न्यायालय, केंद्र सहित चंडीगढ़ प्रशासन और अन्य के पास गया था।
गौरतलब है कि इस रोड पर प्रदर्शनकारी सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिनमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना और 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी देविंदरपाल सिंह भुल्लर शामिल हैं। केंद्र की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने पंजाब सरकार के रुख का समर्थन किया और कहा कि हम एक दूसरे का समर्थन कर रहे हैं। जब भ्रष्टाचार की बात आती है तो उसे छोडक़र संघवाद की हमेशा रक्षा की जाती है। कोविड काल में, हर राज्य और केंद्र ने मिलकर काम किया।
न्यायमूर्ति गवई की टिप्पणी के बाद मेहता ने कहा कि केंद्र और राज्य परिवर्तन के लिए एक ही पक्ष में हैं। यह देखते हुए कि केंद्र और राज्य का उद्देश्य एक समान है, पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने शीर्ष अदालत से उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया।
यहां बता दें कि उच्च न्यायालय ने 9 अप्रैल को कहा था कि बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद, न तो पंजाब राज्य और न ही केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ चंडीगढ़ और एसएएस नगर मोहाली के यात्रियों को कोई समाधान दे सका है। इसमें उम्मीद जताई गई थी कि पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन नींद से जागेगा। मु_ी भर लोगों के सडक़ अवरुद्ध करने से यात्रियों और ट्राईसिटी के निवासियों को असुविधा हो रही है और परेशानी जारी है।