सिटी ब्युटीफुल चंडीगढ मे मौसम में हो रहे बदलाव को लेकर हैल्थ विभाग ने जारी की एडवाइजरी
लोगो को ऐसा कर जागरूक रहने के लिए कहा
चंडीगढ, 25 जुलाई (विश्ववार्ता) मौसम में हो रहे बदलाव और बढ़ती उमस को देखते हुए हैल्थ विभाग ने स्वाइन फ्लू (एच1एच1) को लेकर एडवाइजरी जारी की है। देश के कई शहरों में स्वाइन फ्लू के केस कन्फर्म हुए हैं। ऐसे में विभाग ने एहतियात के तौर पर एडवाइजरी जारी की है, ताकि लोग थोड़ा सावधान रहें। यह मौसम सीजनल फ्लू का होता है, जिसमें स्वाइन फ्लू, डेंगू मलेरिया, चिकनगुनिया समेत कई वेक्टर बोर्न डिजीज यानी पानी से होनी वाली बीमारियां का खतरा रहता है। हैल्थ विभाग की ओर से डेंगू की रोकथाम को लेकर भी घर- घर जाकर चैकिंग और लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मानसून सीजन की शुरूआत से पहले ही विभाग ने टीम बना ली थी जो फील्ड में काम कर रही है। 120 के करीब कर्मी इसमें लगे हैं। हालांकि यह डेंगू का पिक सीजन नहीं है, लेकिन थोड़ी सी भी लापरवाही इस वक्त भारी पड़ सकती है। बारिश हालांकि अभी ज्यादा नहीं हो रही। आने वाले दिनों में यह बढ़ेगी, जोकि मछरों के पैदा होने के लिए सही कंडीशन उन्हें देगी। विभाग की टीमें घर-घर जाकर चैकिंग कर रही हैं और लापरवाही को लेकर चालान काटने के लिए पांच टीम बनाई हैं। विभाग के पास 10 हाथ चलाने वाली फॉगिंग मशीन और 4 गाड़ी वाली फॉगिंग मशीन हैं जिसकी मदद ली जा रही हैं।
82 प्रतिशत रिकार्ड हुई उमस
बुधवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री दर्ज हुआ, जोकि सामान्य से 1 डिग्री ज्यादा रहा। न्यूनतम तापमान 29 डिग्री दर्ज हुआ। उमस की मात्रा 82 प्रतिशत रिकार्ड हुई। वीरवार के लिए विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।
एच1एच1 से ऐसे बचें
छींकते समय टिश्यू पेपर से नाक को ढके और फिर उस पेपर से सावधानी से नष्ट कर दे।
हाथों को लगतार साबुन से धोते रहें। घर, ऑफिस के दरवाजों के हैडल, कीबोर्ड, मेज अदिसाफ रखें।
जुकाम के लक्षण दिखाई दें तो घर से बाहर ना जाएं और दूसरों के नजदीक ना जाएं।
बुखार अगर आया हो तो उसके ठीक होने के 24 घंटे बाद तक घर पर रहे। लगातार पानी पीते रहें।
फेस मास्क जरूर पहनें।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू के लक्षण यूं तो सामान्य जुकाम जैसे ही होते हैं, परंतु इसमें 100 डिग्री तक का बुखार आता है, भूखकम होजाती है और नाक से पानी बहता है। कुछ लोगों को गले में जलन, उल्टी और डायरिया भी हो जाता है। डाक्टर्स की मानें तो यहलक्षण होने पर तुरंत अस्पताल में चैक कराएं, लेकिन टैस्ट डाक्टर के पर्रामश के बाद ही कराएं।