केंद्र सरकार ने दवा कंपनियों को दिया झटका
सरकार ने एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक और मल्टीविटामिन सहित कुल 150 से ज्यादा दवाओं पर लगाया प्रतिबंध
चंडीगढ, 24 अगस्त (विश्ववार्ता) केंद्र सरकार ने 156 कॉकटेल दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है- जिनमें से कई आपके घर में भी हो सकती हैं. इन प्रतिबंधित दवाओं की लिस्ट में वे दवाएं शामिल हैं, जिनका उपयोग बालों के विकास, त्वचा की देखभाल और दर्द से राहत के लिए या मल्टीविटामिन, एंटीपैरासिटिक्स, एंटीएलर्जिक्स और बहुत कुछ दूसरे रूप में किया जाता है। फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (FDC) ऐसी दवाएं हैं, जो एक ही गोली में एक से अधिक दवाओं को मिलाती हैं और इन्हें ‘कॉकटेल’ दवाएं भी कहा जाता है। हालांकि दवा बनाने वाली कंपनियों ने अभी तक प्रतिबंध से पड़ने वाले आर्थिक असर की घोषणा नहीं की है। लेकिन सिप्ला, टोरेंट, सन फार्मा, आईपीसीए लैब्स और ल्यूपिन जैसी प्रमुख फार्मा कंपनियों के कुछ उत्पाद प्रतिबंध से प्रभावित हुए हैं।
फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) ऐसी दवाएं हैं जो एक ही गोली में एक से अधिक दवाओं को मिलाती हैं और इन्हें ‘कॉकटेल’ ड्रग्स भी कहा जाता है। हालांकि दवा निर्माताओं ने अभी तक प्रतिबंध के आर्थिक प्रभाव की घोषणा नहीं की है, लेकिन सिप्ला, टोरेंट, सन फार्मा, आईपीसीए लैब्स और ल्यूपिन जैसी प्रमुख फार्मा कंपनियों के कुछ उत्पाद प्रतिबंध से प्रभावित हुए हैं।
सरकार द्वारा जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, इन 156 फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं के उपयोग से मनुष्यों के लिए जोखिम पैदा होने की संभावना है, भले ही सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हों। केंद्र द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने मामले की जांच की और इन एफडीसी को तर्कहीन पाया। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) ने भी इन दवाओं की जांच की और सिफारिश की कि इन एफडीसी में शामिल दवाओं का चिकित्सा विज्ञान के अनुसार कोई मतलब नहीं है।