संधवा ने राष्ट्रपति से संवैधानिक नियुक्तियों से संबंधित सभी अधिसूचनाओं में क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने की अपील की
चंडीगढ, 3 अगस्त (विश्ववार्ता) पंजाब के राज्यपाल की हालिया नियुक्ति, जिसकी अधिसूचना केवल अंग्रेजी और हिंदी में पढ़ी गई थी, का हवाला देते हुए पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने भारत के राष्ट्रपति से संवैधानिक नियुक्तियों से संबंधित सभी आधिकारिक अधिसूचनाओं में क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने की अपील की है।
भारत के राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में संधवा ने इस बात को उजागर किया कि 31 जुलाई, 2024 को पंजाब के राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी राज्यपाल की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना को अंग्रेजी और हिंदी भाषा में पढ़ा गया। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि उक्त अधिसूचना पंजाबी में उपलब्ध नहीं कराई गई, जिससे पंजाब के लोगों में निराशा और चिंता का माहौल है। उन्होंने कहा कि जैसे हम सरकारी भाषाओं के रूप में अंग्रेजी और हिंदी को मान्यता देते हैं, वैसे ही हमारे देश की भाषाई विविधता का सम्मान करना भी आवश्यक है, क्योंकि विविधता जीवन का आधार है।
संधवा ने विनम्रता से अपील करते हुए पत्र में आगे लिखा कि राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा संवैधानिक नियुक्तियों से संबंधित सभी अधिसूचनाओं में अंग्रेजी और हिंदी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषा को भी शामिल करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह छोटा सा लेकिन सार्थक कदम क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति को मान्यता देने के साथ-साथ भाषाई विविधता के लिए समावेश और सम्मान की भावना को मजबूत करेगा।
भारत जैसे बहुरंगी देश में क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर जोर देते हुए संधवा ने अपने पत्र में आगे लिखा कि भारत के विभिन्न राज्यों में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और जीवंत भाषाई परंपराओं की झलक है। उन्होंने कहा कि मूल भाषाएं केवल संचार का साधन नहीं हैं बल्कि यह लोगों की पहचान, इतिहास और उनकी भावनाओं की आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि जो आत्मीयता और प्रेम एक क्षेत्रीय भाषा से मिलता है, वह किसी अन्य भाषा में उसी तरह से व्यक्त नहीं किया जा सकता।
अंत में उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं को उचित सम्मान देकर हम अपने नागरिकों में एकता और आपसी समझ के बंधन को और मजबूत कर सकते हैं और विविधता में एकता के साथ एक मजबूत राष्ट्र की नींव रख सकते हैं।