श्री हेमकुंट साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए आई खुशखबरी, आज से खोले जाएंगे श्री हेमकुंट साहिब के कपाट
चंडीगढ, 25 मई (विश्ववार्ता) श्री हेमकुंट साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के खुशी भरी खबर सामने आई है। उत्तराखंड के हिमालय में स्थित चमोली जिले में सिखों के पवित्र स्थान श्री हेमकुंट साहिब के कपाट इस बार 25 मई यानि की आज से तीर्थयात्रियों के लिए खोले जा रहे हैं और 10 अक्तूबर को बंद कर दिए जाएंगे।
यह समुद्र तल से लगभग 16 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक तीर्थ स्थल है। सूत्रों के अनुसार, सर्दियों की बर्फ मई के महीने तक पिघल जाती है, जिसके कारण यह स्थान केवल जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीनों में खुलता है और 7-8 महीनों के लिए बंद रहता है। माना जा रहा है कि सचखंड श्री हेमकुंट साहिब की इस पवित्र यात्रा में 8 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। यह तीर्थस्थल दुनिया के सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित है।
कपाट खुलने के बाद प्रतिदिन 3500 श्रद्धालु ही हेमकुंड साहिब जा सकेंगे। गुरुद्वारा प्रबंधन का कहना है कि हेमकुंड साहिब में अभी भी काफी बर्फ है। बर्फ पिघलने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या पर फिर से विचार किया जाएगा।
आपको बता दें कि सिख समुदाय के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री हेमकुंट साहिब की ओर जाने वाली सडक़ पर जमा बर्फ हटाने का काम काफी तेजी से चल रहा है. अगर आप इस साल हेमकुंट साहिब जाने की योजना बना रहे हैं तो अपनी यात्रा के लिए तैयार हो जाइए। हेमकुंट साहिब 25 मई 2024 को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा. यहां तक पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है।
श्री हेमकुंट साहिब की तीर्थयात्रा 25 मई से शुरू होगी। श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के सूत्रों ने बताया कि खराब मौसम के दौरान सेना के जवान घांघरिया और लोकपाल साहिब की ओर जाने वाली सडक़ से बर्फ हटाने में लगे हुए हैं। आयोजन समिति ने बताया कि पंज प्यारों के नेतृत्व में श्री हेमकुंट साहिब यात्रा के लिए पहला जत्था 22 मई को ऋषिकेश से रवाना होगा। उन्होंने कहा कि यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं और यात्रा मार्गों पर फुटपाथों का चौड़ीकरण और मुरम्मत का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
बता दें कि 22 मई को पंज पयारों की अगुवाई में राज्यपाल एवं संत समाज द्वारा ऋषिकेश से हेमकुंड साहिब यात्रा का आजाग किया जाएगा। दो दिन पहले जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने गुरुद्वारा प्रबंधन के साथ गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब का पैदल निरीक्षण किया था। जिसके बाद प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संख्या तय की है।