श्रीकाकुलम से मोदी सरकार में सबसे कम उम्र का यह युवा बना केंद्रीय मंत्री
चंडीगढ, 10 जून: (विश्ववार्ता)अट्ठारह दिसंबर 1987 को जन्मे नायडू लगातार तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। वे दिवंगत पूर्व तेदेपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री के येरन नायडू के बेटे हैं। उन्होंने दिल्ली के दिल्ली पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और बाद में लॉन्ग आइलैंड से एमबीए किया। वर्ष 2012 में कार दुर्घटना में अपने पिता येरन नायडू की दुखद मृत्यु के बाद, राम मोहन नायडू ने 26 साल की छोटी उम्र में 2014 में श्रीकाकुलम से लोकसभा सांसद के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, जिससे वे 16वीं लोकसभा में दूसरे सबसे कम उम्र के सांसद बन गए। राम मोहन नायडू कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी स्थायी समिति के सदस्य के पद पर थे।
राम मोहन नायडू किंजरापु 36 साल के हैं. वह अपने पिता और पूर्व टीडीपी नेता और केंद्रीय मंत्री, दिवंगत येरन नायडू द्वारा प्रस्तुत सार्वजनिक सेवा और राजनीतिक कौशल की विरासत का अनुसरण करते हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से पूरी की और फिर प्रसिद्ध पर्ड्यू विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई की, इसके बाद लॉन्ग आइलैंड से एमबीए में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की.
26 साल की उम्र में, उन्होंने 2014 में श्रीकाकुलम से लोकसभा सांसद के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, 16वीं लोकसभा में दूसरे सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में धूम मचाई. अपने पिता की तरह, नायडू को टीडीपी प्रमुख चंद्र बाबू नायडू (एनसीबीएन) का करीबी सहयोगी भी माना जाता है. उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्य किया है.
संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित
एक सांसद के रूप में उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए उन्हें 2020 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वह कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर स्थायी समिति में सदस्य का पद संभालते हैं. इसके अलावा, उन्होंने 16वीं लोकसभा में रेलवे और गृह मामलों की स्थायी समितियों, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की सलाहकार समिति और अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति और राजभाषा विभाग के सदस्य के रूप में भी कार्य किया.