विश्व मौसम संगठन ने विज्ञप्ति जारी कर की भविष्यवाणी
कहा चुंबकीय तूफान से अंतरिक्ष मौसम भविष्यवाणी का महत्व उजागर हुआ
चंडीगढ़, 15 मई (विश्ववार्ता): विश्व मौसम संगठन ने 13 मई को विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कुछ दिनों पहले पृथ्वी पर कई दशकों में सबसे जबरदस्त चुंबकीय तूफान पैदा हुआ और पृथ्वी के अनेक स्थान पर ध्रुवीय ज्योति यानी ऑरोरा नजर आयी। इससे अंतरिक्ष मौसम घटना की भविष्यवाणी करने का महत्व उजागर हुआ है।
एनओएए के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर द्वारा शनिवार को जारी अलर्ट के अनुसार, जनता को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
भू-चुंबकीय तूफान घडिय़ों के लिए घोषणा जारी करते हुए, स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर के आधिकारिक पेज में कहा गया है, “23/0133 यूटीसी पर देखे गए ङ्ग1.1 फ्लेयर से जुड़े एक सीएमई के 24 मार्च से 25 मार्च की देर रात तक पृथ्वी पर आने की उम्मीद है। 24 मार्च को जी2 (मध्यम) तूफान आने की संभावना है और 25 मार्च को जी3 (तेज) तूफान आने की संभावना है।
बता दें कि ध्रुवीय ज्योति आम तौर पर ध्रुवीय क्षेत्रों में दिखती है। 10 से 13 मई तक अमेरिका के फ्लोरिडा,इटली,स्पेन और चीन आदि देशों में ध्रुवीय ज्योति दिखाई दी।
विश्व मौसम संगठन ने बताया कि ऐसा सूर्य की तीव्र गतिविधि से पैदा अत्यंत जबरदस्त चुंबकीय तूफान से हुआ। सूर्य की ऐसी गतिविधि नियमित रूप से होती है और उसका चक्र 11 साल है। यह सूर्य के चुंबकीय मैदान के चुंबकत्व में बदलाव से संबंधित है ।
विश्व मौसम संगठन ने बताया कि ध्रुवीय ज्योति सुंदर दृश्य है,लेकिन चुंबकीय तूफान से खतरे की संभावना है। वह शायद बिजली ग्रिड की स्थिरता,दूर-संचार और उपग्रह के संचालन पर कुप्रभाव डालेगा। सौभाग्य की बात है कि इस बार चुंबकीय तूफान की सटीक भविष्यवाणी की गयी थी।
26 मार्च को, एनओएए के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि हालांकि तूफान के आसपास की स्थिति कमजोर हो रही है, तूफान की निगरानी सक्रिय रहेगी।
पोस्ट में लिखा है, “जी3 (मध्यम) भू-चुंबकीय तूफान घड़ी प्रभावी बनी हुई है। हालाँकि, स्थितियाँ कमजोर होने के संकेत दे रही हैं। जी3 घड़ी यूटी दिवस के अंत तक सक्रिय रहती है, फिर जी1 (मामूली) तूफान के स्तर तक प्रभाव कम होने की उम्मीद है। अपडेट और बदलावों के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहें