लोकसभा चुनाव-2024: पंजाब की सियासत मे दल बदल का दौर जारी
शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका
अकाली दल का पंजाब में सफाया हो चुका है, बादल परिवार की गलत नीतियों के कारण पार्टी के उपर से लेकर नीचे तक नेता निराश हैं – मुख्यमंत्री भगवंत मान
दिलबाग सिंह बडाली समेत कई यूथ अकाली दल के लीडर भी हुए आम आदमी पार्टी में शामिल
चंडीगढ, 3 मई (विश्ववार्ता) लोकसभा चुनाव-2024 की मतदान की घडियां ज्यो ज्यो नजदीक आ रही है पंजाब की सियायसत पूरी तरह से गर्मागई है और दल बदल का दौर जारी है। इसी बीच आज अमृतसर में आम आदमी पार्टी और मजबूत हो गई हैं। अमृतसर में शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका लगा हैं। तलबीर सिंह गिल आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। तलबीर सिंह गिल अपने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए।
बता दें, तलबीर सिंह गिल 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।अमृतसर लोकसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी(आप) को बड़ी मजबूती मिली है। वहीं अकाली दल को बड़ा झटका लगा है। शिरोमणि अकाली दल बादल के अमृतसर दक्षिण से हलका प्रभारी तलबीर गिल शुक्रवार को अपने साथियों समेत आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।
आम आदमी पार्टी पंजाब के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तलबीर गिल और उनके साथियों को पार्टी में औपचारिक तौर पर शामिल कराया और उनका आप परिवार में स्वागत किया।
तलबीर गिल अमृतसर के काफी लोकप्रिय नेता हैं। अमृतसर और आसपास के लोगों में उनकी अच्छी पकड़ है। वह अकाली दल बादल के टिकट पर 2022 में अमृतसर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन्होंने अकाली दल की गलत नीतियों और परिवारवाद के कारण पार्टी छोड़ने का फैसला किया।
तलबीर गिल के साथ उनके साथी दिलबाग सिंह वडाली, यूथ अकाली दल के अमृतसर के अध्यक्ष सरब सिंह भुल्लर, सुखविंदर सिंह सुक्खी, रूस्तम सिंह संधू और जसबीर सिंह भी आज मुख्यमंत्री भगवंत मान की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए।
सभी नेताओं को पार्टी में शामिल कराने के बाद अपने बयान में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अकाली दल का पंजाब में अब लगभग सफाया हो चुका है। बादल परिवार की परिवारवादी नीतियों के कारण अकाली दल के उपर से लेकर नीचे तक नेता और कार्यकर्ता काफी निराश हैं। आने वाले दिनों में और भी कई अकाली नेता पार्टी छोड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि अकाली दल की हालत इतनी खराब हो गई है कि इस चुनाव में उसे 13 लोकसभा हल्के के लिए उम्मीदवार तक नहीं मिल रहे हैं। कोई भी अकाली नेता चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हो रहा है क्योंकि उसे पता है कि उसकी हार निश्चित है। मान ने कहा कि अकाली दल की ऐसी दुर्गति बादल परिवार के करतूतों और भ्रष्टाचार के कारण हुआ है।