भारतीय मूल की लीसा नंदी होंगी ब्रिटेन की नयी संस्कृति मंत्री
जानें कौन हैं लिसा नंदी,कभी स्टारमर की प्रतिद्वंदी थी लिसा
चंडीगढ 7 जुलाई (विश्ववार्ता) उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड के विगन संसदीय क्षेत्र से भारी अंतर के साथ पुनर्निर्वाचित होने वाली भारतीय मूल की लीसा नंदी को शुक्रवार को प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने संस्कृति, मीडिया एवं खेल मंत्री नियुक्त किया। चुनावों में लेबर पार्टी की शानदारी जीत के बाद स्टॉर्मर ने तुरंत अपनी शीर्ष टीम की घोषणा करते हुए नयी सरकार के कामकाज की शुरुआत कर दी।
लीसा (44) जनवरी 2020 में लेबर पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनावों में अंतिम तीन दावेदारों में से एक थीं, जहां उनका सामना स्टॉर्मर और एक अन्य उम्मीदवार से था। लीसा तब से स्टॉर्मर की अध्यक्षता में काम कर रही हैं। लीसा, ऋषि सुनक के नेतृत्व वाले कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार में संस्कृति मंत्रालय का कार्यभार संभाल रही लूसी फ्रेजर की जगह लेंगी। ब्रिटेन के संसदीय चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है।
बता दें कि लिसा जनवरी 2020 में लेबर पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनावों में अंतिम 3 दावेदारों में से एक थीं, जहां उनका सामना स्टारमर और एक अन्य उम्मीदवार से था। लिसा तब से स्टॉर्मर की अध्यक्षता में काम कर रही हैं। बता दें कि लिसा नंदी के पिता दीपक नंदी इंग्लिश लिटरेचर में जाना-माना नाम हैं, और वह 1956 में ब्रिटेन गए थे। वहीं, नंदी के नाना फ्रैंक बायर्स लिबरल पार्टी से सांसद रह चुके थे। लिसा, ऋषि सुनक के नेतृत्व वाले कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार में संस्कृति मंत्रालय का कार्यभार संभाल रही लूसी फ्रेजर की जगह लेंगी।
लिसा नंदी की स्कूलिंग पा्र्स वूड हाई स्कूल और होली क्रॉस कॉलेज में हुई है। इसके बाद उन्होंने न्यूकासल यूनिवर्सिटी से 2001 में ग्रैजुएशन किया था। लिसा के पास एक मास्टर्स डिग्री भी है जो उन्होंने लंदन यूनिवर्सिटी से ली है। लिसा ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में लेबर पार्टी के सांसद नील गेरार्ड के साथ भी काम गिया है। लिसा ने शरणार्थियों के मुद्दे पर भी अच्छा-खासा काम किया है और वह इंग्लैंड के चिल्ड्रेन कमिश्नर और इंडिपेंडेंट असाइलम कमिशन में सलाहकार की भूमिका भी निभा चुकी हैं।
बता दें कि ब्रिटेन के संसदीय चुनावों में ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। ऋषि सुनक ने भले ही अपना चुनाव आसानी से जीत लिया, लेकिन उनके कई मंत्रियों चुनाव हार गए। यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस भी अपनी सीट नहीं बचा पाईं। लेबर पार्टी ने इन चुनावों में प्रचंड जीत हासिल करते हुए 650 में से 411 सीटों पर कब्जा जमा लिया। वहीं, पिछले आम चुनावों में 365 सीटें हासिल करने वाली कंजर्वेटिव पार्टी इस बार सिर्फ 121 सीटों पर सिमट गई।